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Jhalawar कोलकाता और केरल के लोगों को नागपुर से ज्यादा पसंद आ रहे हैं संतरे

 
Jhalawar कोलकाता और केरल के लोगों को नागपुर से ज्यादा पसंद आ रहे हैं संतरे
झालावाड़ न्यूज़ डेस्क, झालावाड़  इस वर्ष गर्मी के संतरे की आवक के साथ ही भाव भी आसमान पहुंच गए। हालांकि गत वर्ष से इस वर्ष गर्मी के संतरे का फलाव कम आया है लेकिन देश में संतरे की मांग ज्यादा होने से किसानों को भी गुणवत्ता के आधार पर वाजिब दाम मिल रहे हैं। व्यापारी आफताब चौधरी व गब्बर ने बताया कि इस बार शुरूआती दौर में ही संतरा मंडी में किसानों को संतरे के भाव 40-45 रुपए किलो तक मिल रहे है जबकि यह भाव मार्च के मांह में मिलता है।व्यापारी गब्बर चौधरी व आलम ने बताया कि कृषि उपजमंडी स्थित संतरा मंडी में वह आढ़त का काम करता है। उसने 2 हजार से अधिक गाडिय़ां कोलकाता और केरल भेजी हैं। वहां के लोगों को महाराष्ट्र से ज्यादा भवानीमंडी के संतरे का टेस्ट लगा है। इसके अलावा इलाहाबाद, दिल्ली, कश्मीर, महाराष्ट, मध्यप्रदेश व अन्य राज्यों में संतरा जाता है। इस बार महाराष्ट में संतरा कमजोर होने के कारण वहां भी हमारे संतरे की डिमांड बनी हुई है।

कुंडीखेडा गांव निवासी किसान ईश्वर सिह ने बताया कि 30 बीघा में बगीचा लगा रखा है। इसमें 22 पौधे हैं। एक पौधा सीजन में 2 से ढाई मन की पैदावार देता है। अच्छी पैदावार में 30 से 40 लाख रुपए तक मुनाफा मिलता है। इस बार बारिश देरी से होने पर फुल झड़ गए तो आवक कम हुई है। आवक कम है तो भाव अच्छे मिलने से नुकसान नहीं हुआ है। क्षेत्र के खेतों तक नहरों से पानी पहुंचने से पौधों को 15 दिन में एक दिन पानी पिलाने में परेशानी नहीं होती है। फल का रंग जल्द आने से विदेशों तक मांग बढ़ी है।

फसल कम भाव दुगने

ग्राम पंचायत सिलेहगढ़ के दांता का खेड़ागांव निवासी गोविंद सिंह परिहार ने बताया कि गर्मी का संतरा इस बार चमकदार है। गुराडिय़ा माना गांव निवासी जवान सिंह ने बताया कि उन्होंने एक हजार पौधे लगा रखे हैं। पर इस बार संतरे का बगीचा कम आया है पर भाव गत वर्ष से डबल होने के कारण निराशा नहीं होने दी।

बगीचों से ही खरीद

आढ़तिया फरीद अहमद चौधरी ने बताया कि अब व्यापारी बगीचे खरीद रहे हैं। ऐसे में किसान को एक मुश्त फसल का मुनाफा भी मिल जाता है। वहीं संतरे को मंडी ले जाने एवं उसको पौधों से तोडऩे का खर्चा भी बच जाता है।