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Jhalawar शिक्षकों के भी कई पद रिक्त, प्राचार्य भी कर रहे कार्य

 
Jhalawar शिक्षकों के भी कई पद रिक्त, प्राचार्य भी कर रहे कार्य
झालावाड़ न्यूज़ डेस्क, झालावाड़ कस्बे में जिले का सबसे पुराना राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय शिक्षकों के खाली पदों से जूझ रहा है। यहां अधिकांश समय कम स्टाफ ही रहा। विद्यालय की स्थापना वर्ष 1985-86 में हुई, लेकिन वरिष्ठ उपाध्याय में वर्ष 1999 में क्रमोन्नत किया। अब तक 12 बार प्रधानाचार्य नियुक्त किए। इसमें 9 बार कार्यवाहक एवं 3 बार प्रधानाचार्य ने कामकाज संभाला।

क्रमोन्नत के 25 वर्ष पूरे

1 अप्रेल 2024 को विद्यालय ने वरिष्ठ उपाध्याय में क्रमोन्नत के 25 वर्ष पूरे किए, लेकिन 17 वर्ष 9 माह,26 दिन तक कार्यवाहक प्रधानाचार्य रहे। वहीं प्रधानाचार्य सुरेश चंद दाधीच 1 वर्ष 10 महिना,वेदप्रकाश शर्मा 3 वर्ष 11 दिन एवं हरिशंकर रैगर 2 वर्ष 4 महिना 4 दिन तक प्रधानाचार्य का कार्यभार संभाला। प्रधानाचार्य हरिशंकर रैगर का तबादला 28 अगस्त 2019 को हुआ था तब से ही विद्यालय कार्यवाहक प्रधानाचार्य के भरोसे चल रहा है। वहीं विद्यालय के अधीन जिले के कई विद्यालय संचालित हैं। प्रधानाचार्य के नहीं होने से परेशानी होती है।

जूझना पड़ रहा

विद्यालय में 22 पद में से 10 ही भरे हैं। प्राध्यापक 5 में से 4 भरे हैं। हिन्दी का पद खाली है। वरिष्ठ उपाध्याय 5 में से 2 भरे हैं। इसमें 3 विज्ञान,सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी के पद खाली हैं। कनिष्ठ सहायक, प्रयोगशाला सहायक, पीटीआई, पुस्तकालय अध्यक्ष, प्रयोगशाला सेवक आदि के पद भी खाली हैं। विद्यालय में कम्प्यूटर लैब है। जहां सरकार ने कम्प्यूटर अनुदेशक उपलब्ध नहीं करवाया। इससे छात्रों से कम्प्यूटर शिक्षा का पूरा व सही लाभ नहीं मिल रहा है। सस्कृत विभाग में कम्प्यूटर अनुदेशक की मांग छात्रों ने की।