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Jhalawar बाघेर के पास तलहटी में स्थित है माँ काली आमझर मंदिर, दर्शन को आते भक्त

 
Jhalawar बाघेर के पास तलहटी में स्थित है माँ काली आमझर मंदिर, दर्शन को आते भक्त
झालावाड़ न्यूज़ डेस्क, झालावाड़ बारां मेगा हाइवे पर बाघेर कस्बे के समीप हरि भरी मुकुंदरा की वादियों के बीच हाइवे से करीब 300 फ़ीट नीचे तलहटी में आमझर में काली माता के रूप में 18वीं सदीं का प्राचीन मंदिर स्थापित है। बाघेर कस्बे के स्थानीयों लोगों व अन्य दर्शनार्थियों के साथ दानदाताओं के सहयोग से अब माता रानी का भव्य मंदिर समेत पेयजल व्यवस्था के साथ अन्य माकूल व्यवस्थाएं की गई है। वर्षो पहले आमझर माता के मंदिर में शाम के समय से ही शेर के दहाड़ने की आवाज सुनाई देने लगती थी। बहुत सी बार बुजुर्गों को शेर भी नजर आते थे। ग्रामीणों ने बताया कि माता का ऐसा चमत्कार है कि बारह महीने कुंड में पानी रहता है, यहां चर्म रोगों से मुक्ति मिलती है। काली माता के मन्दिर से महज 300 मीटर की दूरी पर बीजासन माता के रूप में देवी का मंदिर भी बना हुआ है। इस क्षेत्र में अन्य धार्मिक स्थलों के अलावा शिवालय, साधु संतों की समाधि स्थल समेत अन्य प्राचीन मंदिरों के अवशेष स्थापित है। मान्यता है कि जो भी आमझर माता की भक्ति करता माता उसकी मुराद जल्द पूरी करती है।

प्राकृतिक रमणीय स्थल पर बारह महीनें श्रद्धालु आते, ग्रामीणों के जनसहयोग भव्य मंदिर निर्माण जारीबाघेर आमझर माता मंदिर मुकुंदरा की तलहटी में घने पेड़ पौधों के बीच स्थित है। मन्दिर पर बारह महीने भक्त दर्शन को आते है। बाघेर कस्बे समेत अन्य भक्तों ने समिति का गठन कर जनसहयोग से भव्य मंदिर का निर्माण करवाया। बारिश के दिनों में प्राकृतिक झरनों के अलावा स्वचलित हैंडपंप में जलधारा का दृश्य भक्तो को आकर्षित करता है। सुविधा की दृष्टि से मंदिर तक जाने के लिए सीढियां व मन्दिर की सुंदरता आसपास महादेव मंदिर समेत अन्य स्थलों पर अनेक लोग गोठ का आयोजन करने आते है। नवरात्रि में यहां पूजा पाठ समेत रामायण पाठ के अलावा अखंड ज्योति स्थापित है।

मंदिर का इतिहास

इतिहासकार ललित शर्मा के अनुसार आमझर माता का मंदिर अति प्राचीन है इस स्थान पर 18 सदी के समय कोटा के महाराव उमेद सिंह द्वारा यहां निर्मित जल कुंड समेत अन्य छतरियों का निर्माण करवाया । यहां पर माता रानी का चमत्कारी मन्दिर स्थापित है। मन्दिर में दर्शन को बड़ी संया में श्रद्धालु आते बारिश के दिनों में रमणीय स्थल होने दूरदराज के लोग भी इस जगह आते है।

कुंड में नहाने चर्म रोगों से मुक्ति

आमझर काली माता के मंदिर समीप ही प्राचीन कुंड बना हुआ है। मन्दिर के पुजारी ने बताया कि कुंड में नहाने से चर्म रोगों से मुक्ति मिलती है। माता रानी की कृपा 64 जोगणी 52 भैरू की लीलाओं की कृपा इस कुंड में विराजमान है कुंड के नियमित जल अर्पण से शरीर निरोग बना रहता है।