Jhalawar एक मात्र शिक्षण विहार का भवन जर्जर, डर के साये में पढ़ रही बेटियां
झालावाड़ न्यूज़ डेस्क, झालावाड़ राजस्थान का एक मात्र महिला शिक्षण विहार की हालत इन दिनों जर्जर है। शिक्षण विहार में करीब 90 बालिकाएं डर के साए में अध्ययन करने को मजबूर है। शहर में डीओ ऑफिस के पास स्थित शिक्षण विहार में गरीब तबके या बीच में पढ़ाई छोड़ चुकी 15 से 35 साल तक की बालिकाओं व महिलाओं को अध्ययन करवाया जाता है। ये पूरी तरह से आवासीय है। लेकिन शिक्षण विहार में 12 कमरों में से 6 कमरे क्षतिग्रस्त है। जिनमें से तीन कमरे तो बहुत ज्यादा खराब हो रहे हैं। टीम ने देखा तो भवन बहुत ज्यादा पुराना हो चुका है। छत से जंग लगे सरिये नजर आने लगे हैं। जानकारों ने बताया कि पूरा भवन दो मंजिला नया बनना चाहिए ताकि एक तल पर स्कूल व दूसरे में हॉस्टल संचालित किया जा सके। अभी शिक्षण विहार में 90 से अधिक बालिकाएं अध्ययन कर रही है।
महिला शिक्षण विहार में 12 कक्ष है। पांच कक्षाएं संचालित होती है। 12 में से छह कक्ष क्षतिग्रस्त है, जिसमें से 3 तो बहुत ज्यादा क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। संख्या ज्यादा होने से क्षतिग्रस्त रुम में भी बालिकाएं रहने को मजबूर है। ऐसे में हर कभी छत से प्लास्टर गिर रहा है। गुरुवार को भी रात को एक बालिका के पैर पर छत का प्लास्टर गिर गया,ऐसे में कभी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। कक्ष की कमी की वजह से खाना खाने के हाल में बालिकाओं को सुलाया जा रहा है। खिड़कियों में से सांप व अन्य जीव-जंतु के आने की संभावना रहती है,ऐसे में जुगाड़कर खिड़कियों में गत्ते लगा रखे हैं।
25 साल से चल रहा है
विहार राजस्थान में गरीब तबके की 15 से 35 आयु वर्ग की बालिकाओं को शिक्षा से जोड़कर स्वावलम्बी बनाने के लिए कक्षा 6 से 10 वीं तक अध्ययन कराने के लिए 1997 में आवासीय शिक्षण विहार शुरू किया गया था। तब से नियमित रूप से विहार चल रहा है। ये राजस्थान का पहला शिक्षण विहार है। यहां 35 साल तक की कोई भी महिला शिक्षा प्राप्त कर सकती है, अगर उसके बच्चे भी है तो वो पांच साल तक के बच्चे को अपने साथ रख सकती है। एक बालिका के पैर पर प्लास्टर गिर गया था, अब बालिकाओं को खाना खाने वाले हॉल में सुलाया जा रहा है। क्षतिग्रस्त कक्षा में जाने के लिए मना कर दिया है। सुरक्षा के लिए एक होमगार्ड लगा रखी है।