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Jhalawar इस वर्ष बाघ पर सवार होकर आएगी मकर संक्रांति

 
Jhalawar इस वर्ष बाघ पर सवार होकर आएगी मकर संक्रांति
झालावाड़ न्यूज़ डेस्क, झालावाड़ सूर्य उपासना व दान पुण्य का महापर्व मकर संक्रांति इस बार पीतांबरी वस्त्रों में व्याघ्र (बाघ) पर सवार होकर आएगी। उपवाहन अश्व (घोड़ा) होगा। तिथि को लेकर भी इस बार कोई संशय नहीं है। सुबह से शाम तक पूर्ण रूप से पर्व रहेगा।14 जनवरी सुबह 8.56 बजे सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। अगर सूर्य ग्रह सूर्यास्त के पहले राशि परिवर्तन करते हैं तो संक्रांति का पुण्यकाल उसी दिन माना जाता है। वहीं मकर संक्रांति के नजदीक आते ही पतंगों की बिक्री भी बढ़ गई है। जगह-जगह पतंग व मांझे की दुकानें खुल गई है। चोरी छिपे चाइनीज मांझा भी खूब बिक रहा है।

पंडित दाधीच ने बताया कि अधिकांश हिंदू त्योहार चंद्रमा की स्थिति के अनुसार मनाए जाते हैं, लेकिन मकर संक्रांति पर्व सूर्य के चारों ओर पृथ्वी द्वारा की जाने वाल परिक्रमा की गणना के आधार पर मनाया जाता है। जब सूर्य राशि बदलकर उत्तरायण होते हैं तब संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है।

महापुण्यकाल 9.03 से 10.52 बजे तक

ज्योतिषाचार्य पंडित चेतन दाधीच ने बताया कि इस वर्ष सूर्य ग्रह का राशि परिवर्तन प्रात:काल में ही हो रहा है। अत: मकर संक्रांति का पर्व शास्त्रीय मतानुसार 14 जनवरी को ही मनाया जाएगा। सुबह राशि परिवर्तन करने से संक्रांति का पुण्यकाल सूर्योदय से सूर्यास्त तक अर्थात् सुबह 7.27 से शाम 5.52 बजे तक रहेगा। महापुण्यकाल सुबह 9.03 से 10.52 बजे तक रहेगा। इस दौरान धर्म-पुण्य कार्य करना अधिक फलदायी रहेगा।