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Jhalawar लाखों बेरोजगार युवा चिकित्सा विभाग में भर्ती का इंतजार कर रहे हैं

 
Jhalawar लाखों बेरोजगार युवा चिकित्सा विभाग में भर्ती का इंतजार कर रहे हैं
झालावाड़ न्यूज़ डेस्क, झालावाड़  चिकित्सा विभाग की भर्तियों की धीमी रतार प्रदेश के बेरोजगारों की चिन्ता बढ़ा रही है। अब आचार संहिता भी हट गई है। बेरोजगारों के आंदोलन और चिकित्सा मंत्री व एसीएस चिकित्सा की पैरवी की वजह से भर्तियों को थोड़ी रतार मिली। लेकिन, अब मामला फिर सत्यापन में उलझा हुआ है। दरअसल, इन भर्तियों में संविदा कर्मचारियों से भी आवेदन लिए गए थे। संविदा कर्मचारियों के नौकरी के सत्यापन में विभागों में तालमेल नहीं होने का खामियाजा बेरोजगारों को भुगतना पड़ रहा है। चिकित्सा विभाग के ही कई चिकित्सकीय संस्थानों की ओर से बेरोजगारों के सत्यापन की फाइलों को फुटबाल बनाया जा रहा है। बेरोजगारों का कहना है कि अब प्रदेश में आचार संहिता भी हट जाएगी। यदि विभाग सत्यापन सहित अन्य कार्य पूरा कर लें तो जल्द ही नौकरी मिल सकती है।

अस्पतालों में पद खाली

पिछली सरकार ने प्रदेश में 150 से अधिक चिकित्सा संस्थाओं को क्रमोन्नत किया था। इस वजह से अस्पतालों में नर्सिंग ऑफिसर से लेकर फार्मासिस्ट, रेडियोग्राफर, एलटी व एएनएम सहित अन्य स्टाफ की कमी है। फार्मासिस्ट की कमी होने से सबसे ज्यादा प्रभावित दवा वितरण योजना हो रही है। जबकि सीफू की ओर से अभी फार्मासिस्ट भर्ती की अस्थाई सूची भी जारी नहीं की गई है।

सत्यापन का कलैण्डर जारी किया

सीफू (राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान) की ओर से एएनएम में चयनित अभ्यर्थियों के 20 जिलों की दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया को लेकर कलैण्डर जारी किया गया है। इससे पहले भी सीफू की ओर से कुछ जिलों से सत्यापन का रेकॉर्ड मंगवाया गया था। बेरोजगारों का तर्क है यदि इसी कलैण्डर के साथ नर्सिंग ऑफिसर सहित अन्य का कलैण्डर जारी होता तो समय के साथ धन की बचत हो सकती थी। इधर, कई चिकित्सा संस्थाओं की ओर से दस्तावेज सत्यापन के नाम पर सीफू को लिखित में जवाब देकर अपना लापरवाही खुद उजागर की जा रही है।