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Jhalawar जीएसएस संविदा कर्मियों ने कलेक्टर से लगाई गुहार, ठेकाकर्मियों का शोषण

 
Jhalawar जीएसएस संविदा कर्मियों ने कलेक्टर से लगाई गुहार, ठेकाकर्मियों का शोषण

झालावाड़ न्यूज़ डेस्क, झालावाड़ जिले में एक दशक से बिजली बोर्ड के जीएसएस पर सेवाएं दे रहे ठेकाकर्मियों को इन दिनों खासी परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। ठेका के तकनीकी हेल्पर हर जीएसएस में तीन शिफ्टों में काम संभालते हैं। जीएससी पर दिनरात ये ही कर्मचारी रहते हैं। वो भी न्यूनतम 5 हजार रुपए के मासिक वेतन में, लेकिन अब फरवरी माह से उन्हे भी हटा दिया गया है। ऐसे में कई लोग बेरोजगार हो गए है। जिले के 106 जीएसएसी पर 318 कर्मचारी ठेके पर सेवाएं दे रहे हैं। जिन्हे नए ठेकेदार ने पूरा वेतन देने की मांग करने पर हटा दिया गया है।

ठेका कर्मियों ने बताया कि उन्हे पहले 5 हजार रुपए मिलते थे, लेकिन अब फरवरी माह से 4500 सौ रुपए ही दिए जा रहे हैं, ऐसे में उन्होंने विरोध किया तो उन्हे नौकरी से हटा दिया गया है। ऐसे में कोई 8 तो काई 10 साल से जीएसएस पर सेवाएं दे रहे हैं, अब वो ठेकेदार की मनमर्जी के चलते बेरोजगार हो गए है। जिले में जयपुर डिस्कॉम के जीएसएस पर कर्मचारियों को लगाने का ठेका जयपुर से एक साल के लिए होता है। एक जीएसएस पर तीन-तीन कर्मचारी लगाए जाते हैं,जो 24 घंटे में आठ-आठ घंटे नौकरी करते हैं।

शर्तों में साढ़े 8 हजार से अधिक देना तय

जिले में 106 जीएसएस पर 318 ठेकाकर्मी सेवाएं दे रहे हैं। जिनका 1 फरवरी 2024 को नया ठेका हुआ है। इन कर्मचारियों को बिजली बोर्ड की सेवा शर्तो के अनुसार न्यूनतम वेजेज 283 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से करीब 8490 रुपए वेतन के भुगतान किया जाना चाहिए। हालांकि बिजली बोर्ड से सर्टिफिकेट लगाकर भेजते हैं। लेकिन कर्मचारियों को 5 हजार ही दिए जा रहे हैं। ऐसे में कर्मचारियों को घर खर्च चलाना मुश्किल हो गया है, वहीं विरोध करने पर ठेकेदार द्वारा कर्मचारियों को निकाल दिया गया है।हमें पहले 5 हजार रूपए मिलते हैं, अब 45 सौ रुपए देने की बात हो रही है। पांच हजार में घर खर्च नहीं चल रहा है। जान हथैली पर लेकर काम करते हैं। फिर भी पूरा वेतन नहीं मिले तो कैसे काम करें। सरकार व प्रशासन से हमारी मांग है कि न्यूनतम मजदूरी के हिसाब से 8 हजार रुपए तो कम से कम दिया जाना चाहिए।