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Jhalawar चार पीढ़ियां एक ही छत के नीचे स्नेह और प्रेम की डोर से बंधी हुई

 
Jhalawar चार पीढ़ियां एक ही छत के नीचे स्नेह और प्रेम की डोर से बंधी हुई
झालावाड़ न्यूज़ डेस्क, झालावाड़ छोटा परिवार सुखी परिवार इस मूल मंत्र को आपने कई बार सुना या पढ़ा होगा, जो आज के समय में बहुत ही कारगार साबित हो रहा है। हर कोई चाहता है कि उसका छोटा परिवार हो, ताकि घर खर्च समेत बच्चों की पढ़ाई लिखाई और परवरिश का खास याल रखा जा सके। आज के इस आधुनिक युग में जिस तरह परिवार छोटे होते जा रहे है, ठीक उसी प्रकार रिश्तों की अहमियत भी दिन ब दिन घटती जा रही है। लेकिन सुनेल क्षेत्र के मगीसपुर गांव में तीन भाइयों ने मिलकर संयुक्त परिवार की जो मिसाल पेश की है, वह काबिले तारीफ है।

इस परिवार में अभी वर्तमान में कुल 19 सदस्य है जिनके बीच बहुत ही गहरा प्यार और लगाव है। पिता लालचंद पाटीदार का 2015 में निधन के बाद भी मां श्रृंगार बाई पाटीदार (75) और तीन पुत्रों ने एक-दूसरे के साथ नहीं छोड़ा और संयुक्त परिवार के साथ जीवन व्यतीत कर रहे है। सबसे बड़े पुत्र रामप्रसाद पाटीदार (58), रामसिंह पाटीदार (50) और सूरज पाटीदार (43) अपनी परंपरा का पालन करते हुए एक ही धागे में बंधे हुुए है।तीन भाइयों की पहली पीढ़ी के बाद दूसरी पीढ़ी में पाटीदार परिवार में चार भाई और दो बहनें है। इनमें एक बहन और तीन भाइयों की शादियां हो गई है। जिन भाइयों की शादी हो गई है उनकी पत्नियां और बच्चे भी एक ही एक ही छत के नीचे रहते हैं।मां श्रृंगार बाई यही चाहती है कि उनके बेटे एक साथ ही रहे और मिलकर अपने परिवार का पालन पोषण करे। मां की सीख है कि परिवार एक साथ रहता है तो मुश्किल समय का सामान करना आसान रहता है।

19 सदस्यों का खाना एक चूल्हे पर बनता

पाटीदार परिवार में चार पीढिय़ों का खाना भी मिट्टी के चूल्हे पर बनता है। परिवार के सभी सदस्य एक साथ बैठकर ही खाना खाते हैं। घर की सभी औरतों के बीच रसोई, घर की सफाई और बाकी के काम आपसी सहमति से बांटे गए है। जिसकी वजह से 19 लोगों का खाना एक साथ बनाने में कभी देरी नहीं हुई है।