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Jhalawar निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों ने निकाली रैली, प्रदर्शन

 
Jhalawar निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों ने निकाली रैली, प्रदर्शन 
झालावाड़ न्यूज़ डेस्क, झालावाड़  राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले विद्युत विभाग के कर्मचारियों ने शुक्रवार को निजीकरण एवं पुरानी पेंशन की मांग को लेकर खंडिया पावर हाउस से मिनी सचिवालय तक जंगी रैली निकाली। इससे पूर्व खंडिया पावर हाउस में कर्मचारियों की बैठक हुई। उसके बाद रैली के रूप में मिनी सचिवालय पहुंचे जहां जिला कलक्टर को मुख्य सचिव ऊर्जा विभाग के नाम 6 सूत्री मांग पत्र सौंपा। रैली में जिलेभर के विद्युत कर्मचारी शामिल हुए। विद्युत के क्षेत्र में उत्पादन, प्रसारण एवं वितरण निगमों में विभिन्न प्रक्रियाओं एवं मॉडल के नाम पर किए जा रहे निजीकरण पर रोक लगाने की मांग की।कर्मचारियों ने मिनी सचिवालय के सामने काफी देर तक प्रदर्शन किया और विभिन्न मॉडल के नाम से जयपुर डिस्कॉम में किए जा रहे निजीकरण पर रोक लगाने की मांग की। कर्मचारियों ने बताया कि कर्मचारियों की भर्ती कर ग्रिड सब स्टेशनों व तापीय विद्युत उत्पादन गृह का संचालन निगम कर्मचारियों के माध्यम से करवाया जाएं। प्रशासन व राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों व अधिकारियों के इस लोकतांत्रिक माध्यम से विभाग बचाने के लिए ज्ञापन दिया गया है, अगर फिर भी इस ओर ध्यान नहीं दिया जाता है, तो भविष्य में देश,उद्योग व श्रमिक हित में लोकतांत्रिक श्रमिक आंदोलन जारी रहेगा।

ये है प्रमुख मांगे-

वितरण के क्षेत्र में तीनों डिस्कॉम में वर्तमान में ज्यादातर काम आउटसोर्स, एफआरटी, ठेके व सीएलआरसी आदि के नामों से निजी भागीदार द्वारा करवाए जा हरे हैं। अब हेम(एमएएम) मॉडल के तहत 33/11 केवी ग्रीड फीडर सेग्रिगेशन व सोलासईजेशन के नाम पर आउटसोर्स कर निजी हाथों में दिया जा रहा है। जो कि ग्रीड सैफ्टी कोड का सीधा-सीधा उल्लंघन है।ग्रिडों का संचालन कलस्टर के माध्यम से ठेके पर करवाया जा रहा है, जिसमें कई कंपनियां भाग चुकी है, ये मॉडल विफल हो चुका है। फिर भी 765 व 400 केवी ग्रिड सब स्टेशन को निजी हाथों में देकर निगम को हानि पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।इसे बंद किया जाएं।राजस्थान के कई ऊर्जा प्लांट जो प्रदेश में अच्छा विद्युत उत्पादन कर रहे हैं उसके बाद भी इन पावर प्लांटों को नए पावर प्लांटों के लिए धन की कमी बताकर केन्द्रीय सार्वजनिक निगमों के साथ संयुक्त उपक्रम (ज्वाइंट वेंचर) बनाकर हस्तान्तरित करने की प्रक्रिया को बंद किया जाएं।अन्य राज्यों में स्मार्ट मीटर बंद कर दिए गए है, राजस्थान में स्मार्ट मीटर लगाने से करोड़ों के पुराने मीटर कबाड़ हो जाएंगे, इस पर रोक लगाई जाएं।

33/11 केवी जीएसएस को ठेके पर देने से राज्य के आमजनों तथा निगम के फिल्ड में तैनात स्थाई तकनीकी कर्मचारियों के साथ करंट दुर्घटनाओं में काफी बढ़ोतरी, इसलिए स्थाई तकनीकी कर्मचारियों की भर्ती की जाएं। - प्रदेश के पांचों विद्युत निगमों में पुरानी पेंशन योजना संस्था में लागू होने के बाद नियोक्ता अंशदान के रूप में कोई कटौती बंद कर सीपीएफ योजना के तहत नहीं कि जाएगी, इसकी अनुपालना में आज तक सीपीएफ कटौती बंद कर जीपीएफ कटौती शुरू नहीं की गई। कर्मचारियों ने उक्त मांगों के माध्यम से जिला कलक्टर को ऊर्जा सचिव के नाम छह सूत्री मांग पत्र सौंपकर वितरण, प्रसारण एवं उत्पादन निगमों में अलग-अलग मॉडल के माध्यम से किए जा रहे निजीकरण को बंद किए जाने की मांग की। ज्ञापन देने वालों में जिलेभर के विद्युत विभाग के कर्मचारी व अधिकारी मौजूद रहे।

इन संगठनों के पदाधिकारी हुए शामिल

निजीकरण के विरोध प्रदर्शन में राजस्थान विद्युत श्रमिक महांसघ, प्रान्तीय विद्युत मंडल मजदूर फेडरेशन राजस्थान इंटक, राजस्थान बिजली वर्कर्स फेडरेशन, एकट, राजस्थान विद्युत कामगार एकता फेडरेशन सीटू, राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन, पॉवर इंजीनियरिंग एसोसिएशन, आरएसईबी इंजीनियरिंग एसोसिएशन सहित 17 संगठनों के पदाधिकारी रैली में शामिल हुए। एक प्रतिनिधि मंडल ने जिला कलक्टर अजयसिंह राठौड़ को ज्ञापन सौंपा।

डिस्कॉम के ठेकेदारों ने भी सौंपा ज्ञापन

जयपुर डिस्कॉम के कान्टे्रक्टर्स वेलफेयर संस्था ने भी शुक्रवार को जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर विद्युत निगम को निजी हाथों में देने का विरोध किया। ज्ञापन देने वालों में जिलाध्यक्ष बालकृष्ण दूबे, रामनारायण पाटीदार, श्याम राठौर, पंकज पारीक आदि मौजूद रहे।