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Jhalawar आचार संहिता के कारण यूनीफॉर्म सिलाई का भुगतान अटका

 
Jhalawar आचार संहिता के कारण यूनीफॉर्म सिलाई का भुगतान अटका

झालावाड़ न्यूज़ डेस्क, झालावाड़ सरकारी स्कूलों में कक्षा आठवीं तक के बच्चों को यूनीफॉर्म की सिलाई के लिए दिए जा रहे 200 रुपए ऊंट के मुंह में जीरा के समान साबित हो रहा है। यूनीफॉर्म की सिलाई के लिए अभिभावकों को अतिरिक्त राशि खुद के जेब से वहन करनी पड़ रही है। बच्चों को गत शिक्षा सत्र की राशि का भुगतान नहीं हुआ है। पिछली कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2022 में यह योजना शुरू की थी। प्रदेश के स्कूलों में आठवीं कक्षा तक के करीब 50 लाख बच्चों को हर साल दो जोड़ी यूनीफॉर्म दी जा रही है। सरकार जहां बच्चों को नि:शुल्क कपड़ा और सिलाई के कुल 400 रुपए दे रही है। बाजार वर्तमान में एक जोड़ी यूनीफॉर्म की न्यूनतम सिलाई 500 से 700 रुपए है। यह राशि करीब 200 करोड़ रुपए होती है। यह राशि भी आधी मिल रही है। राशि प्रत्येक बच्चे के बैंक खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर हो रही है। हकीकत यह है कि अब तक एक यूनीफॉर्म के लिए महज 200 रुपए के हिसाब से करीब 100 करोड़ रुपए ही दिए गए है।

10 फीसदी के आधार अपडेट नहीं

प्रदेश में करीब 10 फीसदी ऐसे बच्चों को सिलाई का भुगतान नहीं मिल पाया है जिनका जन आधार कार्ड बैंक खाते से लिंक नहीं है। जिले में ऐसे बच्चों की संया 18 फीसदी है। इस जानकारी के बाद जिला कलक्टर ने सभी सीबीईओ को आधार व जन आधार अपडेट करवाने के निर्देश दिए है। शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों की यूनीफार्म सिलवाने की राशि न्यूनतम 720 रुपए देने के लिए प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेज रखा है, लेकिन अब तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।