Jhalawar बकानी और रटलाई क्षेत्र को नहरी तंत्र की सौगात मिले तो होगी राहत
पानी का उद्गम क्षेत्र है
जिले में काली सिंध व उजाड़ नदी की अथाह जल राशि है । दोनों नदियों का प्रवेश रटलाई व बकानी क्षेत्र ही है । उजाड़ नदी पर भीमसागर डेम व काली सिंध नदी पर कालीसिंध डेम बनाया गया है बारिश के समय दोनों नदियों का अथाह जलराशि बहकर चली जाती है । लेकिन बकानी व रटलाई क्षेत्र में इस पर अभी तक जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों का ध्यान नहीं जाने से पर्याप्त पानी के बावजूद भी नहरी तंत्र से नहीं जुड पाया हैं । बकानी क्षेत्र में उजाड़ व काली सिंध नदियों पर छोटे-छोटे एनिकट से नहरे निकाल के क्षेत्र के किसानों व आमजन को लाभ पहुंचाया जा सकता है । वहीं रटलाई एवं बकानी क्षेत्र का अधिकांश इलाका पहाड़ियों वाला है । जहां पर कई गांवों में बड़े-बड़े खोयरे,नाले आदि है इन पर बांध या एनिकट बनाकर नहरें निकली जा सकती है । जिससे किसानों को नहरों का लाभ मिल सकेगा । इसके लिए क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को दलगत राजनीति को छोड़कर क्षेत्र के किसानों,आमजन,व्यापारियों आदि के लिए नहरों की मांग को समय-समय पर मंचों पर उठाकर जनता को लाभ दिलाने का प्रयास करने की आवश्यकता है ।
सरकार बदते ही ठंडे बस्ते में योजना
कस्बे के निकट ग्राम पंचायत झीकड़िया के गावं झण्टालिया के पास पहाडी में रेल का खोयरा में वर्ष 2008 में चैक डेम बनाने के लिए करीब 75 लाख रूपए की राशि स्वीकृत की गई थी । लेकिन सरकार बदलते ही योजना बंद हो गई ।
