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Jhalawar बकानी और रटलाई क्षेत्र को नहरी तंत्र की सौगात मिले तो होगी राहत

 
Jhalawar बकानी और रटलाई क्षेत्र को नहरी तंत्र की सौगात मिले तो होगी राहत
झलवारन न्यूज़ डेस्क,  झालावाड़ झालावाड़ जिले में बकानी तहसील एकमात्र क्षेत्र है जहां पर नहरे नहीं होने से किसानों के सामने रबी की फसल में बुवाई के लिए कुएं,तालाब,नलकूप पर ही निर्भर रहना पड़ता है। इससे किसानों को पर्याप्त सिंचाई की सुविधा नहीं होने से किसानों को कम पानी की फसलें बोने की मजबूरी बन जाती है । वहीं दूसरी तरफ देश में किसानों की आय बढ़ाने के लिए केन्द्र व राज्य सरकारें कई प्रकार के प्रयास कर रही है । हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 21 जिलों को पानी से जोड़ने के लिए चम्बल का पानी अन्य नदियों में पहुंचाने के लिए योजना की शुरूआत की है । इसके तहत सरकारी भी चाहती है कि हर इलाके में नहरी तंत्र बने ताकि सिंचाई के लिए किसानों को लाभ मिलने के साथ उत्पादन और देश आगे बढ़े लेकिन जिले में बकानी तहसील में नहरों के अभाव में क्षेत्र के किसान ठगा सा महसूस करते हैं । जानकारी के अनुसार झालावाड़ जिले में बकानी तहसील एकमात्र क्षेत्र है जहां नहरें नहीं है। वहीं झालावाड़ जिले की सभी तहसीलों में नहरी पानी की आवश्यकता को देखते हुए नहरों का जाल बिछाया। बकानी और इस क्षेत्र की 25 ग्राम पंचायत के 175 गांव के किसानों को नुकसान हो रहा है । इसलिए नहरे बनने से किसान,व्यापारी एवं आमजन को फायदा होगा । क्षेत्र में अगर नहरे निकलती है तो किसानों को उपज बढ़ेगी के साथ व्यापार भी बढ़ेगा। जिससे आमजन के साथ व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा जिससे उद्योग भी लग सकेगें । इस प्रकार से नहरें बनने से विकास की राह आसान होगी ।

पानी का उद्गम क्षेत्र है

जिले में काली सिंध व उजाड़ नदी की अथाह जल राशि है । दोनों नदियों का प्रवेश रटलाई व बकानी क्षेत्र ही है । उजाड़ नदी पर भीमसागर डेम व काली सिंध नदी पर कालीसिंध डेम बनाया गया है बारिश के समय दोनों नदियों का अथाह जलराशि बहकर चली जाती है । लेकिन बकानी व रटलाई क्षेत्र में इस पर अभी तक जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों का ध्यान नहीं जाने से पर्याप्त पानी के बावजूद भी नहरी तंत्र से नहीं जुड पाया हैं । बकानी क्षेत्र में उजाड़ व काली सिंध नदियों पर छोटे-छोटे एनिकट से नहरे निकाल के क्षेत्र के किसानों व आमजन को लाभ पहुंचाया जा सकता है । वहीं रटलाई एवं बकानी क्षेत्र का अधिकांश इलाका पहाड़ियों वाला है । जहां पर कई गांवों में बड़े-बड़े खोयरे,नाले आदि है इन पर बांध या एनिकट बनाकर नहरें निकली जा सकती है । जिससे किसानों को नहरों का लाभ मिल सकेगा । इसके लिए क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को दलगत राजनीति को छोड़कर क्षेत्र के किसानों,आमजन,व्यापारियों आदि के लिए नहरों की मांग को समय-समय पर मंचों पर उठाकर जनता को लाभ दिलाने का प्रयास करने की आवश्यकता है ।

सरकार बदते ही ठंडे बस्ते में योजना

कस्बे के निकट ग्राम पंचायत झीकड़िया के गावं झण्टालिया के पास पहाडी में रेल का खोयरा में वर्ष 2008 में चैक डेम बनाने के लिए करीब 75 लाख रूपए की राशि स्वीकृत की गई थी । लेकिन सरकार बदलते ही योजना बंद हो गई ।