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Rajasthan में एकबार फिर बोरवेल में मासूम ने तोड़ा दम! हादसे से पूरे प्रदेश में मातम, आखिर कब थमेगा ये सिलसिला

 
Rajasthan में एकबार फिर बोरवेल में मासूम ने तोड़ा दम! हादसे से पूरे प्रदेश में मातम, आखिर कब थमेगा ये सिलसिला 

झालावाड़ न्यूज़ डेस्क - राजस्थान में सोमवार को एक मासूम बच्चे की बोरवेल में गिरने से जान चली गई। घटना झालावाड़ के डग थाना क्षेत्र के पाड़ला गांव की है। रविवार को 5 वर्षीय प्रहलाद 300 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया था। उसे बचाने के लिए प्रशासन ने 14 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, लेकिन उसकी मौत हो गई। बता दें कि प्रहलाद पुत्र कालूलाल अपने माता-पिता के साथ खेत पर गया था। माता-पिता खेत में काम में व्यस्त थे और प्रहलाद बोरवेल के पास खेल रहा था। इसी बीच रविवार दोपहर करीब 1:40 बजे वह अचानक 300 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया। यह बोरवेल तीन दिन पहले ही खोदा गया था और इसे ठीक से ढका नहीं गया था। बताया जा रहा है कि बच्चा बोरवेल को ढकने के लिए रखे पत्थर के साथ नीचे गिरा। यह पहली बार नहीं है, इससे पहले भी प्रदेश में कई बार बोरवेल हादसे हो चुके हैं। चेतना को बचाया नहीं जा सका

दिसंबर महीने में राजस्थान के कोटपुतली जिले के कीरतपुरा गांव में तीन साल की मासूम चेतना बोरवेल में गिर गई थी। चेतना को बचाने के लिए लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया था। यह ऑपरेशन करीब 10 दिन तक चला, लेकिन चेतना की जान नहीं बचाई जा सकी। दरअसल, जिस इलाके में चेतना बोरवेल में गिरी थी, वहां चट्टान की कठोरता के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन काफी लंबा चला था। 1 घंटे में सिर्फ 2 से 4 इंच की ड्रिलिंग ही संभव हो पाई थी। ऐसे में हर डेढ़ घंटे में टीम बदलनी पड़ रही थी।

आर्यन की सांसें थम गई थीं
10 दिसंबर को दौसा जिले के कालीखाड़ गांव में आर्यन खेलते-खेलते बोरवेल में गिर गया था। आर्यन को बचाने के लिए 56 घंटे का रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया था, लेकिन अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया था। मासूम को बचाने में स्थानीय प्रशासन, सिविल डिफेंस, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगी हुई थीं। हालांकि, पाइलिंग मशीन से खुदाई में देरी और सीसीटीवी खराब होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतें आईं। आखिरकार एनडीआरएफ की टीम ने आर्यन को बाहर निकाला। मासूम बच्चे की हो गई थी मौत 20 नवंबर को बाड़मेर जिले के गुड़ामालानी में खेलते समय एक चार साल का बच्चा खुले बोरवेल में गिर गया था।

यह बोरवेल करीब 150 फीट गहरा था, जिसमें बच्चा 100 फीट की गहराई पर फंसा हुआ था। सूचना मिलते ही प्रशासन के अधिकारी, बचाव दल और सिविल डिफेंस के जवान मौके पर पहुंचे। बाड़मेर एसपी नरेंद्र मीना भी मौके पर पहुंचे और 6 घंटे की मशक्कत के बाद बच्चे को बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक बच्चे की मौत हो चुकी थी।