Aapka Rajasthan

Jhalawar देवस्थान विभाग के मन्दिरों में अब भोग सरस के घी से बनेगा

 
Jhalawar देवस्थान विभाग के मन्दिरों में अब भोग सरस के घी से बनेगा
झालावाड़ न्यूज़ डेस्क,  प्रदेश के प्रमुख मन्दिरों का प्रसाद अब सरकारी डेयरी सरस के घी से ही बनाने को लेकर देवस्थान विभाग तैयारी कर रहा है। विभाग सरस घी के उपयोग की अनिवार्यता लागू करने पर विचार कर रहा है। दरअसल आन्ध्रप्रदेश के प्रमुख मंदिर तिरूपति में चर्बी उपयोग में आने का मामला गर्माया हुआ है। इससे सबक लेकर राज्य सरकार के स्तर पर प्रमुख एवं बड़े मंदिरों के प्रसाद में सरकारी डेयरी सरस का ही घी दूध उपयोग में लेने पर विचार चल रहा है। इसको लेकर आरसीडीएफ और देवस्थान विभाग के अधिकारियों के बीच चर्चा चल रही है। देवस्थान विभाग जल्द ही इस सबन्ध में आदेश जारी करेगा।

हाड़ौती में 59 मंदिर

हाड़ौती में देवस्थान विभाग में 59 मंदिर है, जिनमें 55 मंदिर में भोग लगाया जाता है। वहीं झालावाड़ में 14 मंदिरों में भोग लगाया जाता है। इनमें कुछ मंदिरों में तो काफी समय से सरस डेयरी से तैयार घी से भोग लगाया जा रहा है। आगामी दिनों में सभी मंदिरों में यह व्यवस्था लागू की जाएगी। वहीं देवस्थान विभाग के मैनेजर कल अग्रवाल ने कहा कि हम सरस घी को ही काम में लेते हैं, फिर भी उच्चाधिकारियों के निर्देश आए है कि पूरी तरह से सरस घी को ही काम में लिया जाएग। जिले में एक दर्जन मंदिर जिनमें त्योहारों के समय व प्रतिदिन लगने वाला भोग सरस घी से ही तैयार किया जाता है।

ऐसे कर सकते हैं जांच

सरस डेयरी संघ की ओर से सरस की गुणवत्ता की पहचान के लिए क्यूआर कोड प्रारभ किया है,जिसे स्केन कर गुणवत्ता की जांच की जा सकती है। गुणवत्ता से संबंधित शिकायत के लिए कन्ट्रोल रूम 760000671 स्थापित किया है।