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इतिहास में पहली बार! प्रशासन करवाएगा 500 साल पुराने राम मंदिर की पूजा, जमीन को लेकर दो भाइयों में चल रहा था विवाद

 
इतिहास में पहली बार! प्रशासन करवाएगा 500 साल पुराने राम मंदिर की पूजा, जमीन को लेकर दो भाइयों में चल रहा था विवाद 

पचपहाड़ स्थित ऐतिहासिक राम मंदिर की पूजा-अर्चना को लेकर दो भाइयों में करीब 15 साल से विवाद चल रहा है। ऐसे में विवाद सुलझने तक प्रशासन ने मंदिर की पूजा-अर्चना की बागडोर अपने हाथ में ले ली है।पचपहाड़ स्थित राम मंदिर में ओझा परिवार 500 साल से भगवान की सेवा-पूजा करता आ रहा था। करीब 15 साल से मंदिर की जमीन और पूजा-अर्चना को लेकर दो भाइयों कमलेश ओझा और बालकिशन ओझा में विवाद चल रहा है। झालावाड़ देव स्थान विभाग के प्रबंधक विक्रम सिंह राजावत ने बताया कि विवाद को निपटाने के लिए कमेटी गठित कर दी गई है।

कमेटी में शामिल उपखंड अधिकारी श्रद्धा गोमे, डिप्टी प्रेमकुमार चौधरी, सीआई रमेशचंद मीना, तहसीलदार अब्दुल हफीज, कानूनगो ललित शर्मा, पटवारी राजेश गुप्ता और जयपुर डिस्कॉम के सहायक अभियंता एमएल मेघवाल ने गुरुवार को दोनों पक्षों को मौके पर बुलाकर मामले की सुनवाई की, लेकिन दोनों भाइयों में आपसी सहमति नहीं बन पाई।

इस पर मंदिर की बागडोर पचपहाड़ तहसीलदार अब्दुल हफीज को सौंपी गई। बालकिशन ओझा ने मौके पर ही तहसीलदार को चाबी सौंपी। एसडीएम ने कहा कि अगर दोनों भाइयों के बीच विवाद खत्म हो जाता है तो आपसी सहमति के बाद पूजा की जिम्मेदारी फिर से उन्हें सौंप दी जाएगी।

यह है विवाद
डिप्टी प्रेम कुमार चौधरी ने बताया कि एक ही बेटा होने के कारण इस परिवार में 400 साल से कोई विवाद नहीं हुआ। अब इस पीढ़ी में तीन बेटे होने से सभी भाइयों को एक-एक साल पूजा करने का अधिकार मिल गया। एक भाई की मौत के बाद दो साल बालकिशन ओझा और एक साल कमलेश पूजा करते आ रहे थे।