स्कूल की लापरवाही पर शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला! प्रिंसिपल समेत 4 टीचरों पर गिरी गाज, पढ़े पूरी रिपोर्ट
राजस्थान के झालावाड़ में शुक्रवार सुबह स्कूल की दीवार और छत गिरने से अफरा-तफरी मच गई। ऐसा नहीं है कि स्कूल प्रशासन और शिक्षा विभाग को इस हादसे की जानकारी नहीं थी। लेकिन शायद इस हादसे का इंतज़ार किया जा रहा था। इस हादसे का असली दोषी कौन है, इसका फैसला तो बाद में होगा। लेकिन स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक और प्रिंसिपल भी बेहोश थे, जिसकी वजह से आज 7 बच्चों की जान चली गई। हादसे में 27 बच्चे अभी भी घायल हैं। शिक्षा विभाग, जो हादसे से पहले स्कूल का संज्ञान ले सकता था, भी ऐसा करने में पीछे रह गया। लेकिन हादसे के बाद स्कूल के प्रिंसिपल और शिक्षकों पर कार्रवाई की गई है। शिक्षा विभाग ने पिपलोदी गाँव के उस स्कूल के प्रिंसिपल, तीन शिक्षकों और प्रबोधक शिक्षक को निलंबित कर दिया है, जहाँ यह हृदयविदारक हादसा हुआ था। अब इस पूरे घटनाक्रम की भी जाँच होगी।
हादसे से पहले लापरवाही
स्कूल की हालत देखकर साफ है कि इस हादसे को लेकर लापरवाही बरती गई है। ग्रामीणों का कहना है कि इस स्कूल पर पहले भी कई बार पत्थर गिर चुके हैं, जिसके बाद स्कूल, सरपंच और अन्य अधिकारियों से शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह भी पता चला है कि इस स्कूल ने दो साल पहले, यानी वर्ष 2023 में, डांग क्षेत्र विकास योजना के तहत मरम्मत के नाम पर 1 लाख 80 हज़ार रुपये की राशि जुटाई थी, लेकिन लगता है उस राशि का कोई उपयोग नहीं हुआ, वरना यह हादसा न होता।
आखिरी समय में भी लापरवाही
इसी स्कूल के एक छात्र का कहना है कि हादसे से ठीक पहले स्कूल में बच्चे थे। जो शिक्षक को यह बताने गए थे कि छत से कंकड़-पत्थर गिर रहे हैं। लेकिन शिक्षक इतने लापरवाह थे कि उन्होंने नाश्ता छोड़कर यह देखने की ज़हमत नहीं उठाई और छात्र को डाँटकर अंदर भेज दिया। इसके दो-तीन मिनट बाद ही छत गिर गई और अफरा-तफरी मच गई।
