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Jhalawar बारिश के पानी से दीवारों में दरारें, 17 करोड़ 26 लाख की नहरें मिट्टी में

 
Jhalawar बारिश के पानी से दीवारों में दरारें, 17 करोड़ 26 लाख की नहरें मिट्टी में
झालावाड़ न्यूज़ डेस्क, झालावाड़ जिले के सुनेल क्षेत्र में रोशनबाड़ी के समीप सिंचाई परियोजना के लिए 29 करोड़ रुपए में बांध बनाया। 10 करोड़ रुपए पुनर्वास पर खर्च किए और 80 करोड़ जमीन का मुआवजा दिया। साथ ही खेतों को सरसब्ज करने के लिए 17 करोड़ 26 लाख रुपए से नहरें बनाई लेकिन विडंबना देखिए इन नहरों में एक बार भी पानी नहीं चला और यह मिट्टी में दब गई या जगह-जगह से टूट गई। अब फिर से करोड़ों खर्च होंगे और उसके बाद भी खेतों तक कब पानी पहुंचेगा, यह किसी को नहीं पता। रोशनबाड़ी सिंर्चाई परियोजना की नहरें वैसे तो पक्की बनाई गई थी लेकिन नहरों के निर्माण में जमकर लीपापोती की गई। हाल यह है कि बरसात के पानी से ही नहरों की दीवारें दरक गई। पानी के साथ बह कर आई मिट्टी से नहरें जमींदोज हो गई। इससे नहर के लिए किए गए निर्माण कार्य में खामियां स्पष्ट दिखाई दे रही है। गुणवत्ता भी ठीक नहीं है जबकि नहरों पर 17 करोड़ 26 लाख रूपए खर्च हुए हैं। खेतों में सिंचित करने के लिए बनाई गई नहरें भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई।

रोशनबाड़ी नहर परियोजना से क्षेत्र के चंदरपुरा, रोशनबाड़ी, पाऊखेड़ी, कल्याखेड़ी, आकोदिया, राजपुरा बुजुर्ग, सुनेल, चछलाई, घाटाखेड़ी, लालगांव, खामिणी, भटखेड़ा, कलोतिया, चछलाव गांवों के किसानों को सिंचाई सुविधा मिलने से राहत मिलेगी। नहरें अभी तक तो चालू भी नहीं हुई है, इससे पहले ही जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो गई है। विभाग द्वारा सही तरीके से मॉनीटरिंग नहीं होने से नहर जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो गई। इससे किसानों में खासा रोष है। समय पर नहरों की मरम्मत होतो किसानों को रबि की सिंचाई के लिए पानी माले।

घटिया निर्माण सामग्री से नहरें अभी से क्षतिग्रस्त हो गई है। वही इस वर्ष बारिश कम होने से किसानों को सिंचाई के लिए समस्या बनी हुई है। अगर नहरें चालू होती तो किसानों को सिंचाई के लिए बहुत राहत मिलती। नहरें की शीघ्र ही मरम्मत करवाकर चालू किया जाए ताकि किसानों को इसका लाभ मिल सके। गौरतलब है कि तत्कालीन सरकार ने अगस्त 2017 में बजट की मंजूरी देकर दिसम्बर 2017 में कार्य शुरू करवा दिया था। नहरों से 14 गांवों की 2860 हैक्टेयर भूमि सिंचित होगी। इससे इस असिंचित क्षेत्र में हरित क्रांति का आगाज होगा। जानकारी के अनुसार इसके लिए तत्कालीन सरकार ने 17 करोड़ 26 लाख रूपए स्वीकृत किए थे। टैंडर प्रक्रिया करवाकर कोटा एक कन्सट्रक्शन कम्पनी ने 24 दिसम्बर 2017 को कार्य शुरू कर दिया था जो 21 फरवरी 2020 तक पूर्ण करना था लेकिन किसानों को मुआवजा नहीं मिलने से नहर शुरू नहीं हो पाई थी। इसके बाद 10 नवम्बर 2022 से पुन: रोशनबाड़ी सिंचाई परियोजना का बांध का कार्य शुरू हुआ जो 31 दिसंबर 2022 को पूर्ण हो गया। इस वर्ष पर्याप्त बारिश नहीं होने से बांध नहीं भर पाया। ऐसे में नहरों में पानी नहीं छोड़ा। वैसे भी अगर बांध भर भी जाता तब भी नहरों की हालत देख पानी नहीं छोड़ा जा सकता था। वहीं किसानों का कहना है कि नहर का घटिया निर्माण कार्य होने से अभी से यह हाल है तो आगे क्या होगा। विभाग को संबंधित ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।