Aapka Rajasthan

राजस्थान में भ्रष्टाचार का कहर! वन कर्मी को रिश्वत देने के बाद भी नहीं हुआ काम, किसान ने उठा लिया खौफनाक कदम

 
राजस्थान में भ्रष्टाचार का कहर! वन कर्मी को रिश्वत देने के बाद भी नहीं हुआ काम, किसान ने उठा लिया खौफनाक कदम 

झालावाड़ न्यूज़ डेस्क - राजस्थान के झालावाड़ में वन विभाग की कार्रवाई के बाद सदमे से एक किसान की मौत हो गई। आरोप है कि वन विभाग के कर्मचारी ने मृतक के परिवार से 4 लाख रुपए से ज्यादा की रिश्वत ली। इसके बावजूद किसान ने अपनी जमीन के साथ-साथ पैसे भी गवां दिए। स्थानीय विधायक ने किसान की मौत के संबंध में वन मंत्री से बात की, जिस पर मंत्री संजय शर्मा ने जांच के आदेश दिए हैं। वहीं, वन विभाग का कहना है कि नोटिस पहले ही दिए जा चुके थे और लगातार कार्रवाई की जा रही थी। अगर कोई गड़बड़ी हुई है तो उसकी जांच की जाएगी।

वन विभाग की जमीन पर खेती
जानकारी के अनुसार, सारोला थाना क्षेत्र के बोरखेड़ी गांव के बाहर वन विभाग द्वारा खाई खोदने का काम चल रहा है, जिसमें वन विभाग ने कुछ लोगों की जमीन पर भी कब्जा कर लिया है, जो लंबे समय से वन भूमि पर खेती कर रहे हैं। गांव के राधेश्याम का परिवार कई दशकों से अपनी खातेदारी जमीन पर खेती कर रहा है, जिसमें कुछ वन भूमि भी शामिल है। परवन सिंचाई परियोजना के डूब क्षेत्र में काश्तकारों की आठ बीघा जमीन आई है, लेकिन बांध का डूब क्षेत्र अभी पानी से नहीं भरा है, इसलिए अधिकांश किसान वहीं खेती कर रहे हैं।

सदमे में किसान की मौत
वन विभाग के कर्मचारी ने लोगों को मौखिक सूचना देकर कार्रवाई शुरू की। इस दौरान राधेश्याम के परिवार की फसल नष्ट हो गई और मकान भी ध्वस्त होने की बात कही गई, जिसे सुनकर राधेश्याम सदमे में चला गया और 12 मार्च को उसकी मौत हो गई। राधेश्याम के परिवार का आरोप है कि जमीन और मकान बचाने के लिए उन्होंने वनकर्मी को 4 लाख 20 हजार रुपए की रिश्वत दी थी, जिसने उन्हें आश्वासन दिया था कि उनकी जमीन बच जाएगी और मकान नहीं ध्वस्त होगा। मृतक के छोटे भाई ने बताया कि राधेश्याम की मौत के बाद परिवार बुरी तरह टूट गया है। घर की महिलाओं के जेवर बेचकर रिश्वत के रुपए वनकर्मी को दिए गए थे। लेकिन वनकर्मी ने धोखाधड़ी कर उनके रुपए हड़प लिए और जमीन के चारों ओर गड्ढा खुदवा दिया और फसल भी उजाड़कर नष्ट कर दी।

वनकर्मी को दिए गए कुल 4 लाख 20 हजार रुपए
राधेश्याम की पत्नी ने बताया कि उसके पति ने किसी तरह से इंतजाम करके पहले पास के गांव में रहने वाले वनकर्मी को 3.5 लाख रुपए दिए और बाद में जब वनकर्मी ने उसका मकान तोड़ने की धमकी दी तो उसने 70 हजार रुपए और दिए। इस तरह से कुल 4 लाख 20 हजार रुपए वनकर्मी को दिए गए, लेकिन इसके बाद भी न तो उनका मकान बचा और न ही जमीन। स्थानीय विधायक सुरेश गुर्जर को जब इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी। विधायक ने मामले को लेकर राजस्थान सरकार के वन मंत्री संजय शर्मा से बात की, जिन्होंने जांच के आदेश दिए हैं।

दूसरी ओर झालावाड़ डीएफओ सागर पंवार ने कहा कि वन विभाग की ओर से पहले ही नोटिस दिए जा चुके थे और लगातार कार्रवाई की जा रही थी। ऐसे में उन्हें न तो पूरे मामले की जानकारी है और न ही किसी वनकर्मी द्वारा रिश्वत लेने की कोई शिकायत उनके पास पहुंची है। फिर भी अगर कोई गड़बड़ी हुई है तो वे इसकी जांच कराएंगे। राधेश्याम के परिजन जिस वन अधिकारी पर पैसे लेने का आरोप लगा रहे हैं, वह पड़ोसी गांव का है। वह रोजाना राधेश्याम के घर आता-जाता था, लेकिन राधेश्याम की मौत के बाद से अब तक वह उसके घर नहीं गया। परिजनों का आरोप है कि आरोपी वन अधिकारी ने खुद 50 से 60 बीघा वन भूमि पर कब्जा कर रखा है, जिसमें वह खेती कर रहा है। उधर, सारोला पुलिस भी मामले की जांच कर रही है।