राजस्थान के इस जिले में मेडिकल स्टोर्स पर कलेक्टर की नजर, गलत दवाएं बेचने पर होगी सख्त कार्रवाई

झालावाड़ न्यूज़ डेस्क - झालावाड़ में बढ़ते नशे के प्रयोग को लेकर प्रशासन सख्त हो गया है। जिला कलक्टर अजय सिंह राठौड़ की अध्यक्षता में बुधवार को मिनी सचिवालय में जिला स्तरीय नार्को समन्वय समिति की बैठक हुई। बैठक में मेडिकल स्टोर्स का नियमित निरीक्षण करने तथा दवाओं के स्टॉक की जांच करने को कहा गया। कलेक्टर ने जिले में बढ़ते नशे के अत्यधिक सेवन पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि युवाओं द्वारा नशे का सेवन न केवल उनके भविष्य को अंधकारमय बना रहा है, बल्कि समाज व संस्कृति को भी नुकसान पहुंचा रहा है। बैठक में औषधि अधिकारी को विशेष निर्देश दिए गए। उन्हें मेडिकल स्टोर्स का नियमित निरीक्षण करने तथा दवाओं के स्टॉक की जांच करने को कहा गया।
एनडीपीएस श्रेणी की दवाओं की अवैध बिक्री या स्टॉक रजिस्टर से अधिक दवाएं पाए जाने पर दुकान का लाइसेंस निरस्त करने के आदेश दिए गए। कलेक्टर ने जिले के संभावित क्षेत्रों में मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए सख्त कार्रवाई के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आमजन व युवाओं में बढ़ते नशे के प्रचलन को रोकना बेहद जरूरी है। इस दौरान जिला कलक्टर ने मेडिकल कॉलेज व आसपास के क्षेत्रों में नशाखोरी के खिलाफ चेतावनी देते हुए साइन बोर्ड लगाने तथा नशा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
उन्होंने गांववाड़ी तालाब के आसपास के क्षेत्र में खुले में नशा करने वालों पर अतिरिक्त निगरानी रखने तथा कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए। इस दौरान जिला कलक्टर ने अफीम की खेती के बाद बचे हुए पोस्त के छिलके को नियमानुसार नष्ट करने के संबंध में आबकारी विभाग के अधिकारी को निर्देश दिए तथा कहा कि जिन किसानों ने इसे नष्ट नहीं किया है, उन किसानों की तहसीलवार सूची तैयार कर आवश्यक कार्रवाई के लिए जिला अफीम अधिकारी को भेजें। साथ ही एसपी ऋचा तोमर ने जिला अफीम अधिकारी को जिले में अफीम की खेती करने वाले करीब 3 हजार किसानों के अफीम पट्टे के अनुसार अफीम की खेती, पोस्त के छिलके को नष्ट करने आदि की जांच करने के निर्देश दिए।
खानपुर के मेडिकल स्टोर का लाइसेंस 15 दिन के लिए निलम्बित
औषधि नियंत्रण अधिकारी सुरेन्द्र पारेता ने सभी मेडिकल स्टोर्स को निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अल्प्राजोलम, ट्रामाडोल, कोडीन, डायजेपाम व क्लोनाजेपाम जैसी दवाइयां केवल डॉक्टर के पर्चे पर ही बेची जाएं। साथ ही इनका पूरा रिकॉर्ड रखना अनिवार्य है। शिकायत के बाद खानपुर स्थित विशाल मेडिकल स्टोर की जांच की गई। जांच में पाया गया कि दुकान में ईएनटी विशेषज्ञ के पर्चे पर दवाइयां बेची जा रही थीं, लेकिन दुकान का बिक्री रिकॉर्ड और शेड्यूल एच1 रिकॉर्ड सही तरीके से मेंटेन नहीं किया गया था। सहायक औषधि नियंत्रक झालावाड़ उमेश मुखीजा ने कार्रवाई करते हुए विशाल मेडिकल स्टोर का लाइसेंस 15 दिन के लिए निलंबित कर दिया है। यह निलंबन 24 मार्च से 7 अप्रैल तक प्रभावी रहेगा। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि जांच में अनियमितता पाए जाने पर अन्य दुकानों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।