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Jalore बारिश के कारण पिछले साल निरस्त हुई थी वन्य जीव गणना

 
Jalore  बारिश के कारण पिछले साल निरस्त हुई थी वन्य जीव गणना

जालोर न्यूज़ डेस्क, जालोर 23 और 24 मई यानि बुद्ध पूर्णिमा की चांदनी रात में इस बार जालोर-सांचौर जिले की 4 रेंज में वन्य जीव गणना होगी। इस बार की यह गणना खास रहेगी, क्योंकि पिछले साल मानसून पूर्व बारिश हो जाने के बाद वन क्षेत्र में पानी की उपलब्धता हो गई थी। लेकिन इस बार मौसम में ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है और वन क्षेत्र में पानी का संकट है। इस स्थिति में वन्य जीव पानी पीने के लिए वन क्षेत्र के निर्धारित किए गए पेयजल स्रोतों पर पहुंचते हैं। बुद्ध पूर्णिमा की रात में इन वन्य जीवों की गणना आसान होती है और वन विभाग की टीम अलग अलग स्थानों से इन वन्य जीवों के आंकड़े एकत्र करती हैं। जालोर-सांचौर जिले में वॉटर हॉल सेंसस पद्धति के आधार पर गणना होती है, जिसमें रात के समय पानी के स्रोतों पर पहुंचने वाले वन्य जीवों की गणना की जाती है। 

दो बार निरस्त हुई गणना

वन्य जीव गणना की बात करें पिछले 3 साल में दो बार गणना नहीं हो पाई है। विभागीय जानकारी के अनुसार वर्ष 2021 में बारिश हो जाने के बाद गणना रोकी गई थी और बाद में निरस्त की गई थी। इसी तरह वर्ष 2023 में गणना 5 मई को तय थी, लेकिन बारिश होनेे के बाद इसे 4 जून को तय किया गया। इस दौरान भी बारिश हुई और 3 जून को गणना को निरस्त कर दिया गया था।

जसवंतपुरा पर खास नजर

चार रेंज में से जसवंतपुरा महत्वपूर्ण है, यहां भालुओं की संया अधिक है। यहां गणना की सहुलियत के लिए वॉच टॉवर बने हुए हैं, जिस पर मौजूद कार्मिक रात में आसानी से गणना करते हैं। वहीं वन्य जीवों के लिए बने वॉटर प्वाइंट पर पानी की व्यवस्था भी की जाती है। ताकि अधिक से अधिक वन्य जीव इन प्वाइंट्स तक पहुंच सके।