‘ये सिर्फ मेरा नहीं, सनातन धर्म का अपमान है’ – मंदिर में रोके जाने से नाराज़ अभयदास महाराज ने शुरू किया आमरण अनशन
श्रावण मास के दौरान जालोर में चल रहे समरसता चातुर्मास महोत्सव में कथावाचन कर रहे तखतगढ़ धाम भारत माता मंदिर के संत अभयदास महाराज ने पुलिस कार्रवाई के विरोध में आमरण अनशन की घोषणा कर दी है. शनिवार को उन्हें पुलिस ने बायोसा मंदिर जाने से रोक दिया, जिसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई.सूत्रों के अनुसार, अभयदास महाराज जब समर्थकों के साथ बायोसा मंदिर की ओर बढ़े तो पुलिस ने दुर्ग की तलहटी पर उन्हें रोक दिया, जहां पहले से पुलिस जाप्ता तैनात था. समर्थकों ने जबरन प्रवेश की कोशिश की, तो पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया.इसके बाद महाराज भीनमाल बाईपास होते हुए कालका कॉलोनी में जोग सिंह गुर्जर के मकान पहुंचे, जहां वे सीढ़ियों से छत पर चढ़ गए और वहीं लेट गए. समर्थकों ने बताया कि उनकी तबीयत बिगड़ गई है और वे गद्दे बिछाकर उनकी सेवा में लगे हैं. पुलिस ने मकान को चारों ओर से घेर लिया है.
“जब तक CM और मंत्री मेरे साथ नहीं चलेंगे, मैं यहीं रहूंगा
छत से ही अभयदास महाराज ने कहा कि "मैं अन्न-जल का त्याग करता हूं. यहीं से आमरण अनशन करूंगा. जब तक मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और सभी मंत्री मेरे साथ पैदल चलकर बायोसा मंदिर में दर्शन करने नहीं आएंगे, मैं यहां से नहीं हटूंगा."
विवाद का कारण – बायोसा मंदिर पर पुराना बयान
हाल ही में अभयदास महाराज का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने कहा था कि बायोसा मंदिर पहले संस्कृत पाठशाला था, जिसे तोपखाना कहा जाता था. यहां 10 साल पहले तक गरबा होता था. अब पाठशाला बंद है और परिक्रमा के समय द्वार नहीं खुलते.इसी बयान को लेकर कुछ स्थानीय संगठनों ने आपत्ति जताई थी, जिसके बाद पुलिस ने तनाव की आशंका के चलते मंदिर जाने से रोका.
स्थिति पर नजर, भारी पुलिस बल तैनात
पुलिस और प्रशासन ने अब मकान के बाहर भारी जाप्ता तैनात कर दिया है और शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है. वहीं, हिंदू संगठनों में नाराजगी है और कुछ जगहों पर प्रदर्शन की तैयारी की जा रही है.
