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Jalore जिले में खनिज भंडार की संभावना, करवाया जा रहा हेलिकॉप्टर सर्वेक्षण

 
Jalore जिले में खनिज भंडार की संभावना, करवाया जा रहा हेलिकॉप्टर सर्वेक्षण

जालोर न्यूज़ डेस्क, जालोर  केंद्र सरकार के खान मंत्रालय के अधीन भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण संस्थान की ओर से सिरोही जिले में खनिज भंडार होने की संभावना को देखते हुए हेलिकॉप्टर सर्वेक्षण किया जा रहा है।विभाग की ओर से करीब सात साल पहले देश में कई जगह खनिज भंडार खोजने के लिए किए गए हवाई सर्वेक्षण के दौरान सिरोही जिले में खनिज भंडार होने की उम्मीद जागी थी। जिले के आबूरोड और प़िण्डवाड़ा सहित अन्य स्थानों पर संभावित खनिज भंडार होने की उम्मीद हैं। इन दोनों क्षेत्र में कितनी मात्रा में और किस तरह के खनिजों का भंडार है, इसकी सही जानकारी जुटाने के लिए अब हेलिकॉप्टर सर्वेक्षण किया जा रहा है। यह सर्वे करीब 15 दिन चलेगा। विभाग के 10 से अधिक अधिकारियों व कर्मचारियों की टीम खनिज भंडार व उसकी मात्रा का पता लगाने में जुटी हैं। उन्हें अच्छे परिणाम की उम्मीद है।

हेलीकॉप्टर में उन्नत टीडीईएम और चुंबकीय सेंसर

संस्थान के अधिकारी ने बताया कि भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने भारत सरकार के खान मंत्रालय के राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट (एनएमईटी) द्वारा वित्तपोषित एक उन्नत हेलीबोर्न टाइम डोमेन इलेक्ट्रोमैग्नेटिक (टीडीईएम) और चुंबकीय भू-भौतिकीय सर्वेक्षण शुरू किया है। यह ब्लॉक-1 पर किए गए राष्ट्रीय हवाई भू-भौतिकीय मानचित्रण कार्यक्रम (एनएजीएमपी) का एक विस्तृत अनुवर्ती सर्वेक्षण है। इस सर्वेक्षण में हेलीकॉप्टर में लगे उन्नत टीडीईएम और चुंबकीय सेंसर का उपयोग किया है। जिसके जरिए 198 वर्ग किमी क्षेत्र में सर्वेक्षण करते हुए 1429 किमी फ्लाइट पंक्तियों पर उच्च विभेदन वाले डेटा को एकत्रित किया जाएगा। यह सर्वेक्षण 150 मीटर की उड़ान रेखा अंतराल और 1500 मीटर की टाई लाइन अंतराल पर किया जाता है। जिसमें सेंसर ज़मीन से 40 मीटर की ऊंचाई पर काम करते हैं। विभाग की ओर से राजस्थान के इस ब्लॉक के साथ-साथ ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक राज्यों में भी इसी तरह का सर्वेक्षण किया जाएगा। जिसमें दस अलग-अलग ब्लॉकों में कुल 3 हजार 354 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कवर किया जाएगा