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Jalore 356 गांव व एक हजार ढाणियों के लोग पी रहे फ्लोराइड व टीडीएस युक्त पानी

 
Jalore 356 गांव व एक हजार ढाणियों के लोग पी रहे फ्लोराइड व टीडीएस युक्त पानी

जालोर न्यूज़ डेस्क , जालोर खारा व फ्लोराइडयुक्त पानी पीने को मजबूर ग्रामीणों को नर्मदा का शुद्ध पेयजल कब मिलेगा यह तय नहीं है। ईआर प्रोजेक्ट और इससे जुड़े जेजेएम (जल जीवन मिशन) में देरी से ये हालात बने हुए हैं। जलजीवन मिशन के तहत दो साल से अधिक समय गुजरने के बाद भी अब तक प्रोजेक्ट का 60 फीसदी ही कार्य हो पाया है। शेष कार्य अभी अधूरे है। खासकर भीनमाल क्षेत्र के आस-पास के ग्रामीण को पिछले काफी सालों से पेयजल को लेकर काफी समस्या उठानी पड़ रही है। यहां भूमिगत जल स्तर साल-दर-साल रसातल में पहुंच रहा है। भूमिगत जल स्तर में फ्लोराइड व टीडीएस की मात्रा निर्धारित मानकों से कई गुणा अधिक है। ऐसे में लोग कई तरह की बीमारियों से ग्रसित हो रहे है।

दीपावली के बाद नहीं शुरू हुआ उच्च जलाशय का कार्य

भागलभीम गांव में उच्च जलाशय के निर्माण का कार्य डेढ साल पहले शुरू हुआ था। अभी तक उच्च जलाशय का निर्माण नहीं हो पाया है। दीपावली के बाद तो यह कार्य पूर्णतया बंद है। यहां के ग्रामीण फ्लोराइड व टीडीएस युक्त खारा पानी पीने को मजबूर है। गर्मी में पेयजल की समस्या और विकट हो जाती है।

60 फीसदी कार्य हुआ है

जेजेएम के तहत गांव-ढाणियों में नर्मदा का पानी पहुंचाने के लिए कार्य चल रहा है। प्रोजेक्ट का कार्य शुरूआती दौर में काफी धीमा रहा। कई जगह जमीन का इश्यू था। अब कार्य चल रहा है। अब मार्च तक ठेकेदार को कार्य पूर्ण करने के लिए निर्देशित किया गया है।