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Jalore 14 माह में बननी थी स्वर्णगिरी दुर्ग तक 5.50 किमी सड़क, काम आज तक अधूरा

 
Jalore 14 माह में बननी थी स्वर्णगिरी दुर्ग तक 5.50 किमी सड़क, काम आज तक अधूरा

जालोर न्यूज़ डेस्क, महत्वूपर्ण प्रोजेक्ट में शामिल जालोर स्वर्णगिरी दुर्ग तक सडक़ निर्माण का काम एक साल से अधिक समय गुजरने के बाद पूरा होना तो दूर शुरु तक नहीं हो पाया। इस कार्य के लिए शिलान्यास 5 अक्टूबर 2023 को जन अभाव अभियोग निराकरण समिति के पूर्व अध्यक्ष पुखराज पाराशर की मौजूदगी में किया गया था।

यह कार्य 14 माह में पूरा होना था। इस लिहाज से काम की डेड लाइन 5 दिसंबर 2024 थी। मामला डायवर्सन और अलाइनमेंट में अटका हुआ है। जिसके लिए विभागीय स्तर से प्रयास किए जा रहे हैं।

मामले में पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का कहना है कि जो भी कमियां पूर्व के प्रोजेक्ट को लेकर थी, उसे दूर किया जा चुका है और वन विभाग के अधिकारियों से भी लगातार संपर्क किया जा रहा है। एनओसी जारी होने के साथ कार्य करवाया जाएगा।

इस तरह के बने हालात

सडक़ निर्माण के लिए एजेंसी ने तेजी से काम शुरु किया, लेकिन इस बीच वन विभाग की टीम ने दस्तावेजों की जांच की। सामने आया कि जो अलाइनमेंट तय था और जिस रूट का डायवर्सन था। काम उसके अनुसार नहीं हो रहा था, बल्कि उससे अलग था। स्वीकृति और कार्य स्थल में अंतर होने से विभाग ने काम रुकवाया। जो आज तक शुरु नहीं हो पाया। वर्किंग एजेंसी का कहना है कि एक साल से अधिक समय गुजर चुका है और काम शुरु करने के लिए परमिशन नहीं आई है।

यह सबकुछ हुआ

जालोर फोर्ट तक सडक़ निर्माण कार्य के लिए फर्स्ट स्टेज एनओसी के लिए 43.50 लाख रुपए एजेंसी ने भर दिए थे। इस पूरे मामले में रोड के लिए नए सिरे से काम के लिए काफी समय लग जाएगा। विभागीय जानकारी के अनुसार मुख्यालय को इस विषय में मार्गदर्शन के लिए दस्तावेज भेजे गए है। अलाइनमेंट में बदलावा होने पर इसके रूट किमी में भी बदलाव संभव है। बता दें फोर्ट तक सडक़ के लिए राज्य बजट में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 27 करोड़ जारी किए थे। करीब 5.5 किमी सडक़ के लिए 12 किमी सुरक्षा दीवार भी बननी है।

इसलिए महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट

जालोर के स्वर्णगिरी दुर्ग की ऊंचाई अधिक है और दुर्ग पर पुरासंपदा की भरमार है। अनेक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है। दुर्ग विकास के कार्य भी हो रहे हैं। ऐसे में पर्यटन विकास की संभावना है। सडक़ बनने पर बाहरी पर्यटक दुर्ग तक पहुंच सकेंगे। बता दें करीब 15 साल से जालोर दुर्ग तक सडक़ निर्माण कार्य या वैकल्पिक रूप से रोप-वे के लिए प्रयास चल रहे थे। आखिरकार प्रोजेक्ट के लिए राज्य सरकार से स्वीकृति मिलने के साथ काम शुरु हुआ।

करीब दो माह चला काम फिर रुका

काम 5 अक्टूबर 2023 को शुरु किया गया और उसके बाद 3 दिसंबर 2023 को इसे रोक दिया गया। उत्तराखंड की एजेंसी यह काम कर रही है और तय समय अवधि के अनुसार उसे यह काम 14 माह में पूरा करना था। यह समयावधि पूरी हो चुकी।

यूजर एजेंसी और कार्यकारी एजेंसी पीडब्ल्यूडी

इस प्रोजेक्ट के लिए पहले यूजर एजेंसी नगरपरिषद थी और कार्यकारी एजेंसी इस कार्य के लिए पीडब्ल्यूडी थी। अब यूजर और कार्यकारी एजेंसी पीडब्ल्यूडी है। बता दें कार्य में जो दिक्कत आई उसका प्रमुख कारण यही था कि यूजर एजेंसी और कार्यकारी एजेंसी अलग थी औेर इससे कागजी कार्रवाई में अंतर आया।दुर्ग की सडक़ निर्माण के स्थल में तय अलाइनमेंट के अनुसार काम नहीं हो रहा था। उसी आधार पर कार्य रुकवाया गया था। प्रपोजल भेजा गया है, स्वीकृति मिलने पर कार्य शुरु हो पाएगा।