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Jalore सरकारी बस सुविधा के अभाव में निजी वाहनों में सफर करने को मजबूर ग्रामीण

 
Jalore सरकारी बस सुविधा के अभाव में निजी वाहनों में सफर करने को मजबूर ग्रामीण
जालोर न्यूज़ डेस्क, जालोर निकटवर्ती रायथल गांव मूलभूत सुविधाओं से तो वंचित है ही साथ ही यहां आवागमन के साधन का भी टोटा है। जिला मुख्यालय से मात्र 30 किमी दूर इस गांव में आजादी के बाद करीब दस साल पूर्व पहली बार एक बस का संचालन सीधे तौर पर हुआ था, जिससे ग्रामीणों को राहत मिली थी। लेकिन पिछले पांच साल से बस सेवा बंद कर दी गई। फिलहाल एक निजी बस का संचालन वाया रायथल हो रहा है और यह बस जालोर तक 30 किमी का सफर 3 घंटे में तय करती है। जिससे इस सेवा से किसी तरह का फायदा लोगों नहीं मिल रहा है। इधर, संसाधनों के अभाव में लोगों को अपने स्तर पर ही व्यवस्था कर जरुरी काम होने पर जिला मुख्यालय तक पहुंचना पड़ता है।

आठ बजे सफर होता है शुरू

फिलहाल यह अनुबंधित बस सवेरे आठ बजे रायथल पहुंचती है। यह बस भंवरानी से रायथल, बालवाड़ा, वासण, आंवलोज, बिशनगढ़ होते हुए जालोर तक पहुंचती है। रायथल समेत आस पास के गांवों से स्कूली शिक्षा के बाद मुख्य रूप से कॉलेज शिक्षा के लिए जिला मुख्यालय आना जाना होता है। लेकिन इसके बाद भी यातायात के साधन नहीं होने से विद्यार्थियों को खासी दिक्कत होती है। संसाधन नहीं होने से शिक्षा भी प्रभावित होती है।

एक बार मिली थी ग्रामीण सेवा

स्थानीय ग्रामीण प्रेमसिंह राजपुरोहित ने बताया कि ग्रामीणों की मांग पर करीब सात साल पूर्व एक बार यहां पहली बार जालोर डिपो से ग्रामीण सेवा का संचालन शुरू किया गया था। यह बस जालोर से बिशनगढ़, रायथल समेत कई गांवों से होते हुए मोकसलर चौराहा पहुंचती थी, उसके बाद यह बस बालोतरा को जाती थी। यहां से यह बस वापसी में इसी रूट से होते हुए जालोर तक पहुंचती थी और उसके बाद जालोर और शिवगंज को जाती थी। यहां से वापसी में यह बस जालोर में स्टे करती थी। लेकिन कुछ समय तक इस बस का संचालन होने के बाद इसे कम आय के चलते बंद कर दिया गया।