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Jalore 3.5 करोड़ की लागत से बना ट्रॉमा सेंटर, नहीं मिल रहा इलाज

 
Jalore 3.5 करोड़ की लागत से बना ट्रॉमा सेंटर, नहीं मिल रहा इलाज
जालोर न्यूज़ डेस्क, जालोर धमाणा में दानदाता के सहयोग से एक साल पूर्व करीब साढ़े तीन करोड़ की लागत से तैयार ट्रोमा सेंटर डॉक्टर्स के अभाव में धूल फांक रहा है। महज विभागीय कागजी औपचारिकताओं में संचालित होने वाला ट्रोमा सेन्टर लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरने से मरीजों को यहां से निराश लौटने को मजबूर होना पड़ रहा है। दूसरी ओर चिकित्सा विभाग हाथ पर हाथ पर धरे बैठा है। ऐसे में विभाग व प्रशासन की गंभीरता सवालों के घेरे में है।

पूर्ववर्ती सरकार के दौरान बना था

पिछली पूर्ववर्ती सरकार के दौरान तत्कालीन राज्य मंत्री सुखराम बिश्नोई की मांग पर स्वीकृत किया गया। ट्रोमा सेन्टर नई सरकार बदलते ही उपेक्षा की भेंट चढ़ गया। क्षेत्र से गुजरने वाले नेशनल हाईवे 68 पर 200 किमी की परिधि में कोई सरकारी ट्रोमा सेन्टर नहीं होने से सालाना औसत 3 हजार लोग हादसे के शिकार होते है, जिसमें करीब 200 के करीब लोग ट्रोमा सेन्टर व बेहतर चिकित्सा सुविधा के अभाव में जान गंवाते है। गरडाली, धोरिमिन्ना, गुड़ामालानी, सिणधरी, चौहटन, बाखासर, सेड़वा के बीच किसी प्रकार का कोई ट्रोमा सेन्टर की सुविधा नहीं होने की स्थिति में गंभीर हादसों के दौरान मरीजों को निजी अस्पतालों की सुविधाओं पर निर्भर रहना पड़ता है।

ये मिलती है सुविधा

ट्रोमा सेंटर में मेडिसिन, सर्जरी, न्यूरोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, आर्थोपेडिक्स, डेंटिस्ट्री, रेडियोलॉजी, एनीस्थिसिया विशेषज्ञ डॉक्टर, के साथ वर्किंग ऑपरेशन थिएटर, क्रिटिकल केयर एक्सपर्ट, ट्रांसपोर्टेवल वेंटीलेटर, सीटी स्कैन, ब्लड स्टोरेज यूनिट, पोर्टेबल डिजिटल एक्स-रे मशीन, सेंट्रल ऑक्सीजन लाइन, पैथोलॉजी, ईको कार्डियोग्राफी व ईसीजी जांच की मशीन की सुविधा होती है। किन्तु फिल्हाल एक ही ऑर्थोपेडिक व एक एनेस्थिसिया चिकित्सक की ही नियुक्ति कर रखी है।

8 हजार पांच वर्ग फीट में बनकर तैयार है ट्रोमा

धमाणा स्थित ट्रोमा सेंटर 8 हजार पांच वर्ग फिट में बनकर तैयार किया हुआ, जिसमें भवन, मशीनरी, फर्नीचर सहित भामाशाह द्वारा 4 अक्टूबर 2023 को विभाग को सुपुर्द किया था। ट्रोमा सेन्टर में सीटी स्कैन, एक्स-रे मशीन, ओटी का सम्पूर्ण सामान, फर्नीचर लैब का सम्पूर्ण सामान, 6 आईसीयू बैड, 2 वेंटिलेटर, जनरल वार्ड लगाए गए है। वहीं ब्लड जांच के लिए सीबीसी मशीन, बायो केमेस्ट्री और ब्लड कलेक्शन के लिए दो फ्रिज लगाकर दिए है। ट्रोमा सेंटर में फिलहाल एक ऑर्थोपेडिंग व एनेस्थेटिक की नियुक्ति कर रखी है। हालांकि यह ट्रोमा के लिए अधिकृत चिकित्सक होने के बावजूद भी स्थानीय उप जिला चिकित्सालय से अस्थायी व्यव्स्था के लिए लगाए गए हैं।