Jalore सुंधा माता मंदिर की तीन दिवसीय प्राण-प्रतिष्ठा शुरू, 201 कन्याएं कलश लेकर चलीं

जालोर न्यूज़ डेस्क, जालोर शहर के डीटीओ ऑफिस के सामने टेकरी पर स्थित सुंधा माता के नव निर्मित मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बुधवार सुबह शोभायात्रा निकाली गई। जो शहर के लिखमीदास धर्मशाला से रवाना होकर विभिन्न मार्गों से होते हुए सुंधा माता तलहटी पहुंची। जहां प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।अध्यक्ष हुकमीचंद सुन्देशा ने बताया कि माताजी मंदिर की 3 दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर शहर के कस्तूरबा कॉलोनी स्थित लिखमीदास धर्मशाला में सुबह 8 बजे भामाशाह परिवार, भैरूनाथ अखाड़े के संत प्रेमनाथ महाराज व पंडितों के द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ कन्या पूजन किया गया। जिसके बाद मंदिर में स्थापित होने वाली देवी-देवताओं की मूर्तियां व 201 बालिकाओं के द्वारा कलश धारण कर शोभायात्रा निकाली। जो हरिदेव जोशी, अस्पताल चौराहा, राजेन्द्र नगर, भीनमाल बायपास, मिरादातार व तासखाना बावड़ी से होते हुए मंदिर परिसर में पहुंची। जहां देवी-देवताओं की मूर्तियों को यज्ञ शाला में रखकर पंडितों के द्वारा पूजा पाठ किया। इस दौरान पूरे रास्ते में समाज की महिलाएं और पुरुष पारंपरिक वेषभूषा में माताजी के भजनों पर नाचते गाते हुए चल रहे थे।
रथ व ट्रैक्टर में रखी देवी-देवताओं की मूर्तियां
प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर मंदिर में स्थापित होने वाली प्रतिमाओं शोभायात्रा के दौरान भामाशाह परिवार रथों व ट्रैक्टरों में बैठे थे। इस दौरान शहर में जगह-जगह लोगों ने फूल-बरसाकर माताजी व शोभायात्रा का स्वागत किया।
शोभा यात्रा में यह रहा आकर्षण का केंद्र
शोभायात्रा में मनोज रिया एंड पार्टी के द्वारा भव्य झांकियों का प्रदर्शन किया गया। जिसमें शिव तांडव, महिषासुर, सहित अन्य एक से बढ़कर प्रदर्शन किए गए। शोभायात्रा में महाराष्ट्र के नासिक खन्नक ढोल व हनुमानजी का रूप धारण कर चल रहे कलाकार आमजन के लिए आकर्षण का केंद्र बने रहे।
कल भी होंगे कार्यक्रम
प्राण प्रतिष्ठा के दूसरे दिन गुरुवार को मंदिर तलहटी पर प्रवचन व सत्संग का आयोजन किया जाएगा। जिसमें आत्मानंद महाराज के द्वारा प्रवचन दिे जाएंगे। वहीं रात को भजन संध्या का आयोजन होगा। जिसमें गायक किशोर पालीवाल एंड पार्टी, शीतल वैष्णव, फूलेश देवड़ा प्रस्तुति देंगे।इस दौरान सचिव तेजाराम सुंदेशा, कोषाध्यक्ष गणपत सुंदेशा, भोमाराम सुंदेशा, रतनाराम, बाबूलाल, मोहनलाल, सावला राम, हंसाराम, टीकमाराम, चेतन सुंदेशा, सुरेश सुंदेशा, पुखराज सुंदेशा, नारायण, रमेश, कालूराम, नेनाराम, चौथा राम, पूनमाराम, ओमप्रकाश, देवराज, सुनीलाल व विनोद सहित बड़ी संख्या में माली समाज के लोग मौजूद रहे।