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Jalore भतीजे-भतीजी के शव मोर्चरी में थे, दर्दनाक माहौल में हुई शादी

 
Jalore भतीजे-भतीजी के शव मोर्चरी में थे, दर्दनाक माहौल में हुई शादी

जालोर न्यूज़ डेस्क, जालोर हमारी आंखों में आंसू थे। शादी की एक रात पहले भांजे तुलसाराम (28)-भांजी पूजा (25) की एक्सीडेंट में मौत हो गई। शादी टालना मुमकिन नहीं था। ऐसे में बिना शोर-शराबे के गमगीन माहौल में फेरे कराए गए। इसके बाद हम सब मॉर्च्युरी पहुंचे, जहां दोनों के शव थे। सुबह शादी की रस्में निभाई और शाम को भांजे-भांजी का अंतिम संस्कार करना पड़ा।जालोर में सड़क हादसे में जान गंवाने वाले भाई-बहन तुलसाराम पुत्र जगदीश उर्फ प्रकाश और पूजा पत्नी जितेंद्र के मामा किशोर गहलोत ये कहते हुए फफक पड़े। उन्होंने फोन पर बात की। शादी समारोह आहोर के भैंसवाड़ा गांव में था। भांजा-भांजी की मौत ने दूल्हे भावेश के परिवार को तोड़कर रख दिया। तुलसाराम 4 मामाओं का इकलौता भांजा था। जिस मामा किशोर गहलोत के घर में खुशियों का माहौल था, वहां गमगीन माहौल में बिना रस्मों के शादी के नाम पर सिर्फ फेरे हुए। कुछ ही देर में सारी रस्में निभाई गईं। शुक्रवार को होने वाली जुहारी और आशीर्वाद समारोह भी टाल दिया गया।

शादी फॉर्मेलिटी रह गई, टाल नहीं सकते थे

तुलसाराम के मामा किशोर गहलोत ने बताया- तुलसाराम चार मामाओं (हरीश गहलोत, फुटरमल गहलोत, किशोर गहलोत, महेंद्र गहलोत) का इकलौता भांजा था। तुलसाराम और भांजी पूजा की मौत के बाद भतीजे भावेश पुत्र हरीश गहलोत की शादी सिर्फ फॉर्मेलिटी रह गई थी। शादी से एक रात पहले ही हादसा हुआ था, इसलिए शादी टल नहीं सकती थी।हादसे की सूचना मुझे 27 नवंबर की रात ही मिल गई थी। तुलसाराम ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था, जबकि पूजा को अहमदाबाद (गुजरात) रेफर किया था। रास्ते में उसकी भी मौत हो गई थी।मौत की सूचना मिलने के बाद समाज के सीनियर लोगों और कुछ परिजनों ने मीटिंग की और तय किया तुलसाराम के माता-पिता और रिश्तेदारों को मौत की सूचना न दी जाए। ताकि विवाह कार्यक्रम की रस्में पूरी हो सकें। हमें कहा गया कि पहले फेरे कर लिए जाएं। इसके बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा। दूसरे दिन तक तुलसाराम के माता-पिता और रिश्तेदारों को मौत की सूचना नहीं दी गई।

दुल्हन के परिवार को कहा- बारात का स्वागत मत करना

किशोर गहलोत कहते हैं- हमें जल्द से जल्द फेरे कराकर दुल्हन को घर लाना था, ताकि इसके बाद अंतिम संस्कार किया जाए। 28 नवंबर की सुबह 6 बजे ही भावेश की बारात रवाना कर दी। बारात में 15 लोग ही गए। आहोर के भैंसवाड़ा से बारात जालोर के रूपनगर में वेलाराम सुंदेशा के यहां पहुंची।हमने किसी भी तरह के स्वागत-सत्कार के लिए मना कर दिया था। दूल्हा सीधे फेरों में पहुंचा। वहां भावेश ने सादगी से दुल्हन के साथ फेरे लिए। डोरिया की रस्म कर दुल्हन विदा कर दी गई। उसी दिन दुल्हन के आंगन बदलने की रस्म भी कर दी। कुछ घंटों में बिना रस्म, बिना गीत-संगीत के हम दुल्हन को भैंसवाड़ा ले आए। शुक्रवार को दुल्हन का जुहारी (नेग देने) की रस्म और शादी समारोह था, जिसे टाल दिया गया।शादी के बाद 28 नवंबर की दोपहर जालोर जिला हॉस्पिटल में भांजा-भांजी के शव का पोस्टमॉर्टम कराया। शाम को तुलसाराम का शव रतनपुरा रोड पर शंकर वाटिका (जालोर) स्थित घर पहुंचा तो सभी के सब्र का बांध टूट गया। चीख-पुकार मच गई। समाज के लोगों ने जल्द ही अंतिम संस्कार करा दिया।

जालोर के लेटा गांव में कार ने स्कूटी को मारी थी टक्कर

भावेश के शादी समारोह (बिंदौरी रस्म) में शामिल होने 27 नवंबर की रात भाई-बहन तुलसाराम और पूजा स्कूटी से जालोर से भैंसवाड़ा (आहोर) जाने के लिए निकले थे। साथ में पूजा की बेटी सरोज (4) भी थी। लेटा गांव के पास स्कूटी को कार ने टक्कर मार दी थी। इसमें दोनों भाई-बहन की मौत हो गई थी और सरोज को मामूली चोट लगी थी।पूजा की मौत के बाद उसके ससुराल जालोर के राजेंद्र नगर में जागनाथ महादेव मंदिर की गली में कोहराम मच गया। 28 नवंबर को पोस्टमॉर्टम के बाद शाम को बॉडी घर पहुंची।पूजा की शादी 7 साल पहले राजेंद्र नगर निवासी जितेंद्र कुमार पुत्र चेलाराम माली से हुई थी। ममेरे भाई की शादी में जाने के लिए वह अपने पीहर आई थी। वहां से बेटी सरोज को लेकर भाई के साथ स्कूटी पर रवाना हुई थी। पूजा अपने 6 साल के बेटे को ससुराल ही छोड़कर आई थी। तुलसाराम गुजरात के सूरत में फैंसी स्टोर पर काम करता था। ममेरे भाई भावेश की शादी में शामिल होने के लिए वह मंगलवार को सूरत से जालोर आया था। तुलसाराम जगदीश माली का इकलौता बेटा था। पूजा के अलावा उसकी एक और बहन है।