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Jalore किसानों ने कहा- जल संकट दूर करने के लिए डब्ल्यूआरसीपी की डीपीआर बनाई जाए

 
Jalore किसानों ने कहा- जल संकट दूर करने के लिए डब्ल्यूआरसीपी की डीपीआर बनाई जाए

जालोर न्यूज़ डेस्क,  जालोर, सिरोही और बाड़मेर जिले से जुड़े पश्चिमी राजस्थान केनाल प्रोजेक्ट की क्रियान्विति की मांग को लेकर सांसद लुंबाराम चौधरी के नेतृत्व में राजस्थान किसान संघर्ष समिति के संयोजक विक्रमसिंह पूनासा व अध्यक्ष बद्रीदान नरपुरा गुरुवार को जयपुर में राजस्थान रिवर बेसिन प्राधिकरण के मुय अभियंता संदीप माथुर से मिले।इस दौरान समझौते के अनुसार पश्चिमी राजस्थान के हिस्से के पानी पर हक के लिए आगे की कार्रवाई की मांग की। साथ इस प्रोजेक्ट को लेकर तैयार प्री-फिजिबिलिटी रिपोर्ट के साथ आगे की कार्रवाई के क्रम में निवेदन किया गया।

बताया गया है कि वॉपकॉस कंपनी की ओर से किए गए सर्वे में नदियों से बांध से मिलने वाले ओवरलो पानी और नदी में उपलब्ध पानी और व्यर्थ बहने वाले पानी का जिक्र किया गया है। रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि भी है कि गुजरात में जरुरत की पूर्ति के बाद भी पानी की उपलब्धता काफी ज्यादा है, जो बारिश की सीजन में व्यर्थ बहकर खंभात की खाड़ी में जाता है। यह रिपोर्ट एजेंसी की ओर से सरकार को भेजी जा चुकी है। प्रतिनिधि मंडल ने प्रोजेक्ट की क्रियान्विति के क्रम में अब प्रोजेक्ट के लिए डीपीआर बनाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। इस दौरान मुय अभियंता ने जल्द से जल्द प्रोजेक्ट की डीपीआर के लिए कार्रवाई का आश्वासन दिया।

पानी की उपलब्धता पर सवाल

जालोर जिले के एफआर, डीआर और ईआर प्रोजेक्ट समेत बाड़मेर जिले की जलापूर्ति की परियोजना नर्मदा परियोजना आधारित है। नर्मदा परियोजना से पानी की उपलब्धता पर्याप्त नहीं है। गर्मी के मौसम में तो केनाल में पानी का लेवल घट जाता है। जल संकट की समस्या के स्थायी समाधान और कृषि क्षेत्र के लिए पश्चिमी राजस्थान केनाल जरुरी है। प्रोजेक्ट के तहत हाईलेवल केनाल से इन क्षेत्रों में नेचुरल लो से पानी पहुंचाया जाना है।