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Jalore अस्पताल में ड्यूटी टाइम में कुर्सी पर मौजूद नहीं रहते चिकित्सक

 
Jalore अस्पताल में ड्यूटी टाइम में कुर्सी पर मौजूद नहीं रहते चिकित्सक

जालोर न्यूज़ डेस्क, जालोर  रानीवाड़ा के राजकीय अस्पताल में मरीजों को डॉक्टर्स के नदारद रहने से उपचार नहीं मिल पा रहा। यहां अक्सर मरीज पहुंचते है तो डॉक्टर्स ड्यूटी समय पर चैंबर में मौजूद नहीं होते। कहने को यहां कुल 7 डॉक्टर्स है, लेकिन ड्यूटी टाइम में इक्का दुक्का डाक्टर ही बमुश्किल मिल पाता है। मरीजों और ग्रामीणों का आरोप है कि डॉक्टर ड्यूटी टाइम में अपना निजी क्लीनिक चलाते हैं। जिससे ऐसे हालात है। मजबूरी में मरीजों को उनके निजी क्लीनिक तक पहुंचना पड़ता है। जिसकी फीस वसूली होती है। रोचक तथ्य यह है कि डॉक्टर निजी क्लीनिक चला रहे हैं। वही मरीजों को देखने के लिए कम्पाउंडर व मेलनर्स 8 से 2 बजे तक की पूरी ड्यूटी लगाने के बाद घर जा रहे हैं।

बता दें गत 20 मार्च को ‘ड्यूटी टाइम पर नदारद रहते हैं चिकित्सक’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। खबर के माध्यम से अस्पताल की बदहाल व्यवस्था को उजागर किया था। खबर प्रकाशित होने के बाद सीएमएचओ बाबूलाल बिश्नोई ने तीन दिवस के भीतर जांच किए जाने के आदेश जारी किए थे, लेकिन मामले में फौरी कार्रवाई कर मामले को रफा दफा कर दिया गया। इधर, फिर से मरीज अस्पताल प्रबंधन की मनमर्जी में पिसते जा रहे हैं और इन पर अस्पताल प्रशासन और जिला प्रशासन की मेहर है। मामले में पूर्व विधायक नारायणसिंह देवल का कहना है कि सीएचसी में कार्यावधि के दौरान नदारद रहने वाले चिकित्साकर्मियों को लेकर कई बार शिकायतें मिली है। उच्चाधिकारियों को समस्या से अवगत करवाएंगे।

मशीनरी होने के बाद काम नहीं आ रही

लापरवाही को इस तरह से समझा जा सकता है कि यहां तीन माह से सोनोग्राफी मशीन ऑपरेटर नहीं होने से बंद है और मजबूरी में मरीजों को सोनोग्राफी के लिए निजी सेंटर्स की शरण लेनी पड़ रही है। सरकारी और मशीनरी सिस्टम में गड़बड़ी पर अस्पताल प्रशासन पर्दा डाले हुए हैं और यहां पहुंच रहे मरीजों का दर्द लापरवाही से बढ़ता जा रहा है।