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Jalore ओपीएस लागू करने और निजीकरण के विरोध में डिस्कॉकर्मियों ने सौंपा ज्ञापन

 
Jalore ओपीएस लागू करने और निजीकरण के विरोध में डिस्कॉकर्मियों ने सौंपा ज्ञापन
जालोर न्यूज़ डेस्क, जालोर  जिलेभर में डिस्कॉमकर्मियों ने ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने और निजीकरण के विरोध में डिस्कॉम एसई के माध्यम से अतिरिक्त मुय सचिव और कलक्टर के माध्यम से मुयमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों एवं विद्युत कर्मियों ने ज्ञापन में विभिन्न समस्याओं से अवगत करवाया। ज्ञापन में निजीकरण का विरोध जताया। इससे पूर्व विद्युत कर्मचारी संघ प्रदेश सचिव जालमसिंह, राष्ट्रीय बिजली कर्मचारी संघ महामंत्री नवरतन मल कुमावत, भारतीय मजदूर संघ महामंत्री अमृत सिंह, विद्युत लेखा संघ जिलाध्यक्ष विनोद आर्य, मलखानसिंह, वचनाराम के नेतृत्व में रैली डिस्कॉम कार्यालय से रवाना हुई। नारेबाजी करते हुए संगठन के पदाधिकारी और डिस्कॉमकार्मिक कलक्ट्रेट पहुंचे और ज्ञापन सौंपा।

सांचौर विद्युत के क्षेत्र में उत्पादन, प्रसारण एवं वितरण निगमों में भिन्न-भिन्न प्रक्रियाओं एवं मॉडल के नाम पर किए जा रहे अंधाधुंध निजीकरण पर रोक लगाने की मांग को लेकर राजस्थान विद्युत कर्मचारी संघ ने कार्यों का बहिष्कार कर मुयमंत्री के नाम उपखंड अधिकारी को शुक्रवार को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि विद्युत के क्षेत्र में उत्पादन, प्रसारण एवं वितरण में भिन्न-भिन्न प्रक्रियाओं एवं मॉडल के नाम पर किए जा रहे अंधाधुंध निजीकरण पर रोक लगाने के लिए राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा आग्रह किया गया था, परन्तु विद्युत प्रशासन द्वारा इन्हें रोकने पर अभी तक कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाए गए हैं। विद्युत क्षेत्र का निर्माण व संचालन राज्य सरकार द्वारा निगम के माध्यम से उद्योग धंधों के विकास, कृषि के उपयोग छह घरेलू उपभोक्ताओं के दैनिक दिन उपभोग के लिए किया जाता है। राज्य सरकार द्वारा इस विद्युत क्षेत्र का संचालन बिना लाभ-हानि के सिद्धांत पर अपनी राज्य की जनता के प्रति लोक कल्याणकारी सरकार की सामाजिक जिमेदारी के निर्वहन के लिए किया जाता है। परन्तु वर्तमान सरकार अपनी लोक कल्याणकारी भूमिका को छोडकऱ विद्युत क्षेत्र को लाभ-हानि के आधार पर संचालन की मंशा से आगे बढ़ रही है।

आहोर उपखंड मुयालय पर राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति की ओर से शुक्रवार को विद्युत के क्षेत्र में उत्पादन, प्रसारण एवं वितरण निगमों में भिन्न-भिन्न प्रक्रियाओं व मॉडल के नाम पर किए जा रहे अंधाधुंध निजीकरण पर रोक लगाने की मांग को लेकर प्रदेश के मुयमंत्री के नाम यहां उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया। भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष दिनेश वाघेला व इंटक सचिव कमलेश सुथार के नेतृत्व में बिजली कर्मचारियों की ओर से सौंपे गए ज्ञापन में बताया कि विद्युत के क्षेत्र में उत्पादन, प्रसारण एवं वितरण में भिन्न-भिन्न प्रक्रियाओं व मॉडल के नाम पर किए जा रहे अंधाधुंध निजीकरण पर रोक लगाने के लिए राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा आग्रह किया गया था। विद्युत प्रशासन द्वारा इन्हें रोकने पर अभी तक कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाए गए है। वितरण, प्रसारण एवं उत्पादन निगमों में विभिन्न प्रक्रियाओं व मॉडल के नाम से किए जा रहे निजीकरण पर रोक, नये कर्मचारियों की भर्ती कर ग्रिड सब-स्टेशनों व तापीय विद्युत उत्पादन गृह का संचालन निगम कर्मचारियों के माध्यम तथा कर्मचारियों को ओपीएस योजना का पूर्ण लाभ देने के लिए सीपीएफ कटौती बंद कर जीपीएफ कटौती शुरू करने की मांग की गई।