देश का सबसे बड़ा जैन मंदिर Jalore का लक्ष्मीवल्लभ पार्श्वनाथ 72 जिनालय
Jan 29, 2022, 06:30 IST
जालोर न्यूज़ डेस्क, जालौर के प्रमुख मंदिर में भीनमाल में स्थापित यह देश का सबसे बड़ा जैन मंदिर है ! इस जिनालय के प्रेरणास्रोत जैनाचार्य श्री हेमेन्द्र सूरिश्वर जी महाराज के आज्ञाकारी मुनिप्रवर श्री ऋषभचन्द्र विजय जी महाराज हैं ! 2 मई, 1996 को इस मंदिर का शिलान्यास किया गया ! यह मंदिर सर्वतोभद्र श्रीयंत्र रेखा पर बनाया गया है जिनके दर्शनमात्र से लक्ष्मी की प्राप्ति हो सकती है ! यह तीर्थ 100 एकड़ जमीन पर विस्तृत है ! सर्वतोभद्र रेखा पर संगमरमर में निर्मित यह मंदिर 252 x 252 फीट (कुल 63504 वर्ग फीट) में है !
इस मंदिर को लुकंड परिवार द्वारा बनाया गया यह एक परिवार द्वारा बनाया गया देश का पहला विशाल तीर्थ स्थल है ! मूलनायक प्रभु पार्श्वनाथ के इस मंदिर में 14 फरवरी, 2011 को प्रतिष्ठा महोत्सव आयोजित किया गया ! लुकंड परिवार के श्री सुमेरमल जी व श्रीमती सुआबाई लुकंड ने इस मंदिर का निर्माण कार्य शुरु कराया ! तथा उनके वंशज श्री किशोरमल जी, श्री माणकमलजी व रमेश जी लुकंड ने इस कार्य को पूर्ण किया !
जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर श्री पार्श्वनाथ के नाम पर इसका नाम श्री लक्ष्मीवल्लभ पार्श्वनाथ 72 जिनालय’ रखा गया ! यहाँ जैन इतिहास में प्रथम बार पूर्व 24 तीर्थंकरों, वर्तमान 24 तीर्थंकरों और आगामी 24 तीर्थंकरों के सभी मंदिर एक साथ एक ही परिसर में बनाए गए हैं !
इस मंदिर को लुकंड परिवार द्वारा बनाया गया यह एक परिवार द्वारा बनाया गया देश का पहला विशाल तीर्थ स्थल है ! मूलनायक प्रभु पार्श्वनाथ के इस मंदिर में 14 फरवरी, 2011 को प्रतिष्ठा महोत्सव आयोजित किया गया ! लुकंड परिवार के श्री सुमेरमल जी व श्रीमती सुआबाई लुकंड ने इस मंदिर का निर्माण कार्य शुरु कराया ! तथा उनके वंशज श्री किशोरमल जी, श्री माणकमलजी व रमेश जी लुकंड ने इस कार्य को पूर्ण किया !
जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर श्री पार्श्वनाथ के नाम पर इसका नाम श्री लक्ष्मीवल्लभ पार्श्वनाथ 72 जिनालय’ रखा गया ! यहाँ जैन इतिहास में प्रथम बार पूर्व 24 तीर्थंकरों, वर्तमान 24 तीर्थंकरों और आगामी 24 तीर्थंकरों के सभी मंदिर एक साथ एक ही परिसर में बनाए गए हैं !
