कुप्रथा के अंत की शुरुआत! हाईकोर्ट ने जारी किए आदेश, कोर्ट कमिश्नर की टीम गांव-गांव जाकर करेगी जागरूक

जैसलमेर न्यूज़ डेस्क - राजस्थान हाईकोर्ट ने सामाजिक बुराइयों पर अंकुश लगाने के लिए 5 सदस्यीय आयुक्त आयोग का गठन किया है। इसमें 4 वकील और 1 सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं। इनके नाम एडवोकेट रामावतार सिंह चौधरी, एडवोकेट भागीरथ राय बिश्नोई, एडवोकेट शोभा प्रभाकर, एडवोकेट देवकीनंदन व्यास और सामाजिक कार्यकर्ता महावीर कांकरिया हैं। ये सदस्य विभिन्न गांवों का दौरा कर जमीनी स्तर पर हकीकत जानेंगे और रिपोर्ट तैयार कर हाईकोर्ट में पेश करेंगे।
'पश्चिमी राजस्थान के जिले ज्यादा प्रभावित'
जस्टिस फरजंद अली की सिंगल बेंच में याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट अर्जुन सिंह ने समाज में व्याप्त कुरीतियों का मुद्दा उठाया, जिसमें खाप नेता सामाजिक बहिष्कार और जुर्माना लगाने जैसे फैसले देते हैं। हाईकोर्ट ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि खास तौर पर पश्चिमी राजस्थान में जोधपुर ग्रामीण, बाड़मेर, जैसलमेर, जालौर, नागौर और पाली शामिल हैं। इन इलाकों में खाप पंचायत समेत अन्य सामाजिक बुराइयां व्याप्त हैं।
'सामाजिक बुराइयों की गहराई जानना जरूरी'
अदालत ने कहा कि भारत में सामाजिक सुधार की जड़ें राजा राम मोहन राय के समय में देखी जा सकती हैं, जिन्होंने इसके विरोध में बौद्धिक सुधार आंदोलन शुरू किया था। समय-समय पर सामाजिक बुराइयों को खत्म करने की दिशा में काम किया गया है। ऐसे में अदालत को लगता है कि विभिन्न ग्रामीण स्तरों पर उनकी वास्तविकता जानने की जरूरत है, ताकि उन बीमारियों की गहराई तक पहुंचा जा सके और उन्हें खत्म करने का प्रयास किया जा सके।
सदस्य कोर्ट कमिश्नर के तौर पर काम करेंगे
आयोग के सभी सदस्य कोर्ट कमिश्नर के तौर पर काम करेंगे, जो प्रभावित जिलों में पुलिस अधीक्षक के साथ समन्वय में काम करेंगे। पुलिस अधीक्षक से अपेक्षा की जाती है कि वे नियुक्त कमिश्नरों को पूरी सहायता प्रदान करेंगे और उनकी यात्रा के दौरान सशस्त्र सुरक्षा सहित उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।
सदस्य इन सभी लोगों से बात करेंगे
आयुक्त प्रभावित क्षेत्रों के पुलिस थानों का निरीक्षण करेंगे और थानाधिकारियों से बातचीत करेंगे और जरूरत पड़ने पर सरपंच, ग्राम सेवक और खंड विकास अधिकारी जैसे स्थानीय अधिकारियों से बातचीत करेंगे और रीति-रिवाजों की आड़ में की जाने वाली कुप्रथाओं पर एक व्यापक रिपोर्ट तैयार करेंगे। हम इसे न्यायालय में प्रस्तुत करेंगे ताकि इन बुराइयों की जड़ तक पहुंचा जा सके और उन्हें समाप्त किया जा सके