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जैसलमेर के देगराय ओरण में पहुंचे स्पेन के गिद्ध, पक्षी प्रेमियों में उत्साह, थार का काला शहंशाह जिनके आगे इंफेक्शन भी नहीं टिकता

 
जैसलमेर के देगराय ओरण में पहुंचे स्पेन के गिद्ध, पक्षी प्रेमियों में उत्साह, थार का काला शहंशाह जिनके आगे इंफेक्शन भी नहीं टिकता

जैसलमेर के प्रसिद्ध देगराय ओरण में इन दिनों विदेशी मेहमानों का जमावड़ा लगा हुआ है। मध्य एशिया और यूरोप के बर्फीले इलाकों से हजारों मील का सफर तय कर दुनिया के सबसे विशालकाय पक्षियों में शुमार सिनेरियस गिद्ध (Cinereous Vulture) और यूरेशियन ग्रिफन गिद्ध (Eurasian Griffon Vulture) इस क्षेत्र में पहुंचे हैं।

वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार, यह स्थान गिद्धों के लिए आकर्षक है क्योंकि यहां उन्हें पर्याप्त भोजन और सुरक्षित निवास स्थान मिलते हैं। पर्यावरणविदों ने बताया कि देगराय ओरण जैसलमेर का एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक स्थल है, जो जैव विविधता के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस क्षेत्र में गिद्धों के आगमन से स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र भी मजबूत होता है।

स्थानीय लोग और पक्षी प्रेमी इन विदेशी गिद्धों को देखने के लिए यहां आ रहे हैं। उनकी विशाल पंखों वाली उड़ान और अनोखी आदतें देखने वालों को मंत्रमुग्ध कर रही हैं। विशेषज्ञों ने कहा कि यह अवसर शोधकर्ताओं और फोटोग्राफरों के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पक्षी प्रवास और व्यवहार के अध्ययन का अच्छा अवसर प्रदान करता है।

वन विभाग ने भी इस दौरान विशेष सुरक्षा और निगरानी बढ़ा दी है। अधिकारियों का कहना है कि गिद्धों के संरक्षण के लिए इलाके में किसी भी प्रकार की बाधा या शोरगुल नहीं होना चाहिए। स्थानीय लोगों को भी इस बात के लिए जागरूक किया जा रहा है कि इन विदेशी पक्षियों के प्राकृतिक आवास को सुरक्षित रखें।

इस दौरान पर्यावरणविदों ने आगाह किया कि जैसलमेर के ओरण क्षेत्र और आसपास के वन्यजीव क्षेत्रों की सुरक्षा अत्यंत जरूरी है। इनके संरक्षण से न केवल गिद्धों की प्रजातियां संरक्षित रहती हैं, बल्कि पूरे पारिस्थितिकी तंत्र में संतुलन भी बना रहता है।

जैसलमेर में विदेशी गिद्धों की यह उपस्थिति स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जैव विविधता और पर्यावरण संरक्षण के महत्व को उजागर करती है। वन्यजीव प्रेमियों का मानना है कि ऐसे दृश्य और अनुभव आने वाली पीढ़ियों के लिए भी शिक्षा और जागरूकता का स्रोत बन सकते हैं।

इस प्रकार, देगराय ओरण में सिनेरियस और यूरेशियन ग्रिफन गिद्धों की उपस्थिति ने जैसलमेर को पक्षी प्रेमियों और शोधकर्ताओं के लिए आकर्षक केंद्र बना दिया है। वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रवास के दौरान गिद्धों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना सबसे बड़ी प्राथमिकता है।