भणियाणा उपखंड की ग्रामीण ढाणियों में गंभीर पेयजल संकट, जल जीवन मिशन के बावजूद टैंकरों पर निर्भर
राजस्थान के भणियाणा उपखंड क्षेत्र की ग्रामीण ढाणियां लंबे समय से गंभीर पेयजल संकट का सामना कर रही हैं। सरकारी प्रयासों और 'जल जीवन मिशन' जैसी योजनाओं के बावजूद, जिसका उद्देश्य हर घर तक नल से साफ पानी पहुंचाना है, यहां के ग्रामीण अब भी कई वर्षों से टैंकरों पर निर्भर हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि गर्मी के मौसम में पानी की समस्या और बढ़ जाती है। कई ढाणियों में नल से पानी उपलब्ध नहीं है या वह पर्याप्त मात्रा में नहीं आता, जिसके कारण ग्रामीण दिनभर पानी की किल्लत से जूझते हैं। बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण हो जाती है।
पेयजल संकट का प्रमुख कारण क्षेत्र में पर्याप्त जल स्रोतों का न होना और भूमिगत जल स्तर का लगातार गिरता जाना बताया जा रहा है। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया है कि कई बार योजना के तहत पाइपलाइन और टैंकर सुविधा देने का वादा किया गया, लेकिन उसका क्रियान्वयन धीमी गति से हुआ या अधूरा रहा।
स्थानीय प्रशासन ने बताया कि कई ढाणियों में टैंकर सेवा नियमित रूप से उपलब्ध कराई जा रही है, लेकिन यह समस्या का स्थायी समाधान नहीं है। जल जीवन मिशन के तहत पाइपलाइन बिछाने और घर-घर पानी पहुंचाने का कार्य प्रगति पर है, लेकिन तकनीकी और वित्तीय बाधाओं के कारण पूरा होने में देरी हो रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थायी पेयजल समाधान के लिए जल संरक्षण, भूमिगत जल स्तर की बढ़ोतरी और स्मार्ट पाइपलाइन नेटवर्क की जरूरत है। केवल टैंकरों पर निर्भर रहना दीर्घकालिक समाधान नहीं है और यह ग्रामीणों के जीवन की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।
ग्रामीण नेताओं और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से आग्रह किया है कि जल जीवन मिशन को शीघ्र प्रभावी रूप से लागू किया जाए, ताकि भणियाणा उपखंड की ढाणियों में हर घर तक लगातार और पर्याप्त मात्रा में पानी पहुंच सके।
