Rajasthan का वह शहर जहां प्लेटलेट्स कम होने पर डेंगू के मरीजों को जाना पड़ता 300 KM दूर
जैसलमेर न्यूज़ डेस्क, देश भर में आज 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जा रहा है, जिसके तहत गुरुवार को डेंगू के रोकथाम को लेकर विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम किए जाएंगे. लेकिन देश की पश्चिमी छोर पर बसे सरहद जिले जैसलमेर में अगर डेंगू बीमारी के चलते किसी मरीज के प्लेटलेट्स कम हो जाएं, तो उसे करीब 300 किलोमीटर का सफर तय कर जोधपुर जाना पड़ता है. ऐसा इसीलिए क्योकि रोगी के प्लेटलेट्स अधिक कम होने पर उसे ब्लड में से प्लेटलेट्स को कृत्रिम रूप से चढ़वाने पड़ते हैं, और जैसलमेर में अब तक प्लेटलेट्स बैंक या कहें ब्लड में से प्लेटलेट्स को अलग करने के उपकरण नहीं है. यही कारण है कि जैसलमेर में ट्रेस हुआ डेंगू का मरीज प्लेटलेट्स की कमी होने पर रेफर कर दिया जाता है.
2023 में डेंगू से हुईं 91 मौतें
एक छोटा सा मच्छर मानव जीवन को प्रभावित कर सकता है. हम बात कर रहे हैं मच्छर जनित संक्रमित रोग डेंगू की. जो एडीज प्रजाति की संक्रमित मादा मच्छरों के काटने से मनुष्यों में फैलती है. यह एक बेहद गंभीर फ्लू जैसी बीमारी है. प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, गत वर्ष यानी 2023 में डेंगू बुखार से 91 मौतें हुई. हालांकि जैसलमेर में डेथ रेट शून्य है. डेंगू के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है. इस साल की थीम है "कनेक्ट कम्युनिटी - कंट्रोल डेंगू". राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर हमारे संवाददाता श्रीकांत व्यास ने कमहो डॉ. बीएल बुनकर से बातचीत करते हुए डेंगू के लक्षण, बचाव व उपाय के साथ साथ जैसलमेर में आंकड़ों व क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान के सबसे बड़े जिले में अब तक प्लेटलेट्स बैंक की कमी को लेकर सवाल किए. डॉक्टर बनकर बताते हैं कि प्लेटलेट्स बैंक या प्लेटलेट्स ब्लड में से सेपरेट करने के लिए उपयोग में आने वाले उपकरणों की सुविधा आगामी समय में मेडिकल कॉलेज ओपन होने के बाद मिल पाएगा.
ये लक्षण दिखे तो मतलब डेंगू
डॉक्टर बताते है कि शुरुआती दौर में डेंगू का बुखार सामान्य बुखार जैसा ही लगता है, जिसके चलते कई बार लोग इसकी गंभीरता को समझ नहीं पाते हैं. हालांकि इसके इलाज में जरा सी लापरवाही जानलेवा भी साबित हो सकती है. जब किसी को डेंगू होता है तो उसका अचानक ठंड लगना, तेज बुखार आना, सिर और जोड़ों में दर्द, शारीरिक कमजोरी, भूख न लगना, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, गले में हल्का दर्द, जी मिचलाना, मुंह का खराब स्वाद, शरीर पर लाल-गुलाबी रैशेज, नाक या मसूढ़ों से खून आना, शौच या उल्टी में खून निकलना इत्यादि होते है. अगर आपको ऐसे लक्षण दिखाई दे तो तुरंत चिकित्सक का परामर्श लें.
डेंगू से बचाव कैसे करें?
डेंगू से बचाव करना चाहते हैं तो अपने घर के आस पास खुले में पानी जमा न होने दें. पानी की टंकी, परिंडे इत्यादि को समय समय पर साफ करे व ढंककर रखें. कूलर के पानी को नियमित तौर पर बदलें और उसमें ब्लीचिंग पाउडर जरूर डालें. घर के भीतर सभी जगहों पर एक बार मच्छरनाशक दवाई का छिड़काव जरूर करें. घर के बाहर पूरे कपड़े पहनें. मच्छर गाढ़े रंग की तरफ आकर्षित होते हैं, इसलिए हल्के रंग वाले कपड़े पहनें. कमरे से मच्छरों को भगाने के लिए स्प्रे, मैट्स और कॉइल्स आदि का इस्तेमाल करें.
पिछले साल में डेंगू केस
जैसलमेर में डेंगू के सरकारी आंकड़े की बात करें तो रेफर कैसेज के कारण इनका आंकलन सही नहीं ठहराया जा सकता है. जैसलमेर चिकित्सा महकमें द्वारा पिछले 5 साल के आंकड़े कुछ इस प्रकार है.
2019 - 124 केस
2020 - 3 केस
2021 - 305 केस
2022 - 62 केस
2023 - 39 केस