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Jaisalmer 12वीं राजस्थान स्टेट क्लासिक पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप में प्रकाश श्रीपत ने जीता गोल्ड

 
Jaisalmer 12वीं राजस्थान स्टेट क्लासिक पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप में प्रकाश श्रीपत ने जीता गोल्ड

जैसलमेर न्यूज़ डेस्क, जैसलमेर के प्रकाश श्रीपत ने भीलवाडा में आयोजित हुई 12वीं राजस्थान स्टेट क्लासिक पावर लिफ्टिंग चैम्पियनशिप में 350 किलो का वजन उठाकर गोल्ड मैडल जीता। गोल्ड मैडल जीतकर जैसलमेर आने पर सभी ने उनको बधाई दी व उनका सम्मान किया। 29 से 31 मार्च तक भीलवाडा में आयोजित हुई 12वीं राजस्थान स्टेट मेन-वुमेन क्लासिक पावर लिफ्टिंग चैम्पियनशिप में राजस्थान भर के करीब 400 एथलीट ने हिस्सा लिया। स्टेट लेवल की प्रतियोगिता में प्रकाश श्रीपत के गोल्ड जीतने पर खेल जगत में खुशी की लहर है। प्रकाश श्रीपत ने बताया कि भीलवाड़ा में आयोजित हुई इस तीन दिवसीय प्रतियोगिता में जूनियर से लेकर मास्टर तक कई पावर लिफ्टिंग के कॉम्पिटिशन आयोजित हुए। उन्होने मास्टर कैटेगरी में हिस्सा लिया जिसमें 350 किलो का वजन उठाना था। उस मास्टर कॉम्पिटिशन में 25 प्रतिभागी और भी शामिल थे जो राजस्थान के अलग अलग इलाकों से आए थे। प्रकाश श्रीपत ने 25 पहलवानों को पछाड़ कर 350 किलो का वजन उठाया और गोल्ड मैडल अपने नाम किया।

73-83 बॉडीवेट कैटेगरी में उठाया 350 KG वजन

प्रकाश श्रीपत ने बताया मास्टर कैटेगरी प्रतियोगिता में 73 से 83 तक बॉडीवेट कैटेगरी में उन्होने हिस्सा लिया था। इस मास्टर कैटेगरी में 350 किलो का वजन उठाने के लिए करीब 25 और भी प्रतिभागी शामिल थे। सभी ने अपने प्रयास किए मगर उन्होने बड़ी आसानी से 350 किलो का वजन उठाया जिससे उन्हें 25 प्रतिभागियों में से गोल्ड का हकदार चुना गया। उन्होने बताया कि ये उनके लिए काफी खुशी के पल है। क्योंकि जैसलमेर जैसे पिछड़े इलाके में जहां वेट लिफ्टिंग, बॉडी बिल्डिंग आदि को इतनी तवज्जो नहीं दी जाती है। मगर वे 1995 से प्रयास कर रहे हैं कि वे इस फील्ड में कुछ करें और आगे बढ़े ताकि अपने शरीर को लेकर सभी जागरूक हो।

दादाजी अखाड़ा चलाते थे

प्रकाश श्रीपत (51) को प्यार से सभी भाया भाऊ के नाम से पुकारते हैं। उन्होने बताया कि बॉडी बनाने का शौक उनको बचपन से रहा है। उनके दादा किशन लाल श्रीपत राजाओं के समय पर अखाड़ा चलाते। उनके अंकल गोपाल श्रीपत दादा के बाद अखाड़ा संभालते थे। तब वे 5 साल के थे और वहीं से उनको शौक लगा। तब से लेकर वे बॉडी बिल्डिंग को लेकर सजग है। फिर जब अखाड़े बंद हो गए। तब 17 साल की उम्र में प्रकाश श्रीपत ने खुद ने 1985 से लेकर साल 2000 तक अखाड़ा चलाया। तब से लेकर आज तक सैकड़ों लड़कों को बॉडी बिल्डिंग को लेकर तैयार कर चुके हैं।

जिम के साथ गाइडिंग का काम करते हैं प्रकाश

अपने जीवन यापन को लेकर प्रकाश श्रीपत ने बताया कि बॉडी बिल्डिंग उनका जुनून है। वे चाहते हैं कि जैसलमेर का हर इंसान फिट रहे। वे आज तीसरी पीढ़ी को बॉडी बिल्डिंग और फिट रहना सीखा रहे हैं। उन्होने बताया कि वे परिवार पालने के लिए गाइडिंग का करते हैं जिसमें वे विदेशी सैलानियों को जैसलमेर के इतिहास की जानकारी देते हैं। लेकिन उनका कहना है कि गाइडिंग का काम केवल परिवार के पालन के लिए है बल्कि उनका असली पैशन तो जिम है। वे आज भी जिम में सैकड़ों लोगों को तैयार कर रहे हैं। ताकि जैसलमेर का हर आदमी फिट रहे।