खड़े ट्रेलर में जा घुसी गुलाब सागर मठ के महंत ब्रह्मपुरी की कार, जानिए किस गलती के कर्ण हुआ हादसा ?
जैसलमेर न्यूज़ डेस्क - जैसलमेर के गुलाब सागर मठ के महंत ब्रह्मपुरी महाराज की गुरुवार को सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। वे जैसलमेर से मंदसौर (मप्र) जा रहे थे, तभी भीलवाड़ा-अजमेर हाईवे पर नानकपुरा पुलिस चौकी के पास महंत की कार एक ट्रेलर से टकरा गई।हादसे में जैसलमेर निवासी संत ब्रह्मपुरी महाराज उर्फ गोपाल लाल गुप्ता (63) की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कार चालक अशोक पुत्र हेमराज वैष्णव घायल हो गया, जिसे उपचार के लिए मांडल अस्पताल में भर्ती कराया गया। हादसे के बाद उन्हें 108 एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया, जहां महंत के शव को मोर्चरी में रखवाया गया है और चालक का उपचार जारी है।हादसे की सूचना मिलने पर जैसलमेर से कई महंत और संत भीलवाड़ा के लिए रवाना हो गए। वहीं जैसलमेर में उनके शिष्यों में शोक की लहर दौड़ गई है।
जैसलमेर से एमपी के कार्यक्रम में जा रहे थे महंत
जैसलमेर के गुलाब सागर मठ के महंत ब्रह्मपुरी महाराज अपने ड्राइवर अशोक के साथ भागवत कथा कार्यक्रम के लिए मंदसौर (एमपी) जा रहे थे। इसी दौरान भीलवाड़ा-अजमेर हाईवे पर रायसिंहपुरा गांव में ड्राइवर को झपकी आ गई और कार खड़े ट्रेलर से जा टकराई।हादसे की सूचना मिलने पर मांडल थाने की नानकपुरा पुलिस चौकी का स्टाफ मौके पर पहुंचा। कार सवारों को एंबुलेंस से मांडल अस्पताल पहुंचाया। जहां ब्रह्मपुरी महाराज को मृत घोषित कर दिया गया। ड्राइवर अशोक का उपचार चल रहा है। कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। जिसे क्रेन से हटाया गया।संत की कार के दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना मिलने पर मांडल थाने से प्रभारी नंदलाल भी बल के साथ पहुंचे। शव को मांडल अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है। हादसे की सूचना जैसलमेर आश्रम को दी गई। जैसलमेर से शिष्यों के आने के बाद पोस्टमार्टम कराया जाएगा।
300 साल पुराना मठ है गुलाब सागर मठ
अटल अखाड़े के संत और गुलाब सागर मठ के महंत ब्रह्मपुरी उर्फ गोपाल गुप्ता के भतीजे अखिलेश गुप्ता ने बताया- ब्रह्मपुरी महाराज उर्फ गोपाल गुप्ता के परिवार में 5 भाई हैं। गोपाल ने 12 साल की उम्र में ही परिवार छोड़ दिया था और संन्यासियों के साथ रहने लगे थे। जैसलमेर के गुलाब सागर घाट में उनकी मुलाकात लाल गुरुजी से हुई। उन्होंने 14 साल की उम्र में संन्यास ले लिया और गुलाब सागर मठ में रहने लगे। यह मठ 300 साल पुराना बताया जाता है।वे मूल रूप से बड़ी जानसीन शमशाबाद आगरा (यूपी) के निवासी थे। वर्तमान में वे जैसलमेर रेलवे स्टेशन के पास बाबा देवपुरी योग आश्रम (हनुमान मंदिर आश्रम) में रह रहे थे।
