Jaisalmer जिनदत्त सूरि महाराज की 870वीं पुण्यतिथि पर ज्ञान भंडार में पूजन
जैसलमेर न्यूज़ डेस्क, प्रथम दादा गुरुदेव आचार्य जिनदत्त सूरीश्वर महाराज की 870वीं पुण्यतिथि पर खरतरगच्छाचार्य जिन मनोज्ञ सूरीश्वर महाराज की प्रेरणा एवं जैन ट्रस्ट जैसलमेर के तत्वावधान में दुर्ग जिनालय स्थित ज्ञान भंडार में वृहद पूजा का आयोजन किया गया।

प्रवक्ता पवन कोठारी ने बताया कि आषाढ़ सुदी एकादशी संवत 1211 में अजमेर नगर में दादा जिनदत्त सूरि का स्वर्गारोहण हुआ था। उन्होंने बताया कि अंतिम संस्कार के समय उनके चादर, चोलपट्टा एवं मुंहपति आदि वस्त्र अग्नि में भी अक्षुण्ण रहे जो आज भी जिनभद्र सूरि ज्ञान भंडार जैसलमेर में सुरक्षित है। उन्होंने बताया कि उन्हीं वस्त्रों के समक्ष फूंदीबाई हरीसिंह कोठारी की स्मृति में मधुबाला विजयसिंह कोठारी परिवार द्वारा दादा गुरुदेव की वृहद पूजा का आयोजन किया गया। शुभ मुहूर्त में दादा जिनदत्त सूरि की अष्टप्रकारी पूजा की गई। दसवीं पूजा में रूपल कोठारी एवं वर्षा द्वारा ध्वजा आरोहित की गई। गुरु भक्त राकेश राखेचा एवं पंकज कोठारी द्वारा वृहद पूजा का गान किया गया।
क्षेत्रीय सभा अध्यक्ष महेंद्र भाई बाफना ने बताया कि सन 2026 में गच्छाधिपति आचार्य जिन मणिप्रभ सूरि महाराज एवं आचार्य जिन मनोज्ञ सूरि महाराज के सानिध्य में त्रिदिवसीय विशाल चादर महोत्सव आयोजित किया जाएगा। जिसके आयोजन की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। उन्होंने कहा कि विशाल संख्या में जैन साधु साध्वी भगवंत एवं गुरु भक्त दादा जिनदत्त सूरि महाराज के सैकड़ों वर्ष प्राचीन वस्त्रों के समक्ष अठ्ठम तपाराधना कर गुरु भक्ति का लाभ प्राप्त करेंगे। वृहद पूजन के पश्चात आरती, मंगल दीपक एवं गुरु इकत्तीसा का पाठ किया गया।
