Jaisalmer सीजन का पहला सैलानी बूम, चारों तरफ पर्यटक
जैसलमेर न्यूज़ डेस्क, जैसलमेर स्वर्णनगरी जैसलमेर से लेकर सम सेंड ड्यून्स तक सैलानियों की बहार इन दिनों नजर आ रही है। लबे वीकेंड और जन्माष्टमी पर्व के उपलक्ष्य में बड़ी तादाद में देशी सैलानी ऐतिहासिक दुर्ग और कलात्मक हवेलियों व गड़ीसर जैसे सरोवर के साथ सम के लहरदार धोरों के लिए प्रसिद्ध जैसलमेर में विभिन्न साधनों से पहुंच रहे हैं। उनकी रेलमपेल जैसलमेर से धोरां धरती तक दिखाई दे रही है। इसे नए पर्यटन सीजन के विधिवत आगाज के तौर पर देखा जा रहा है। गौरतलब है कि शनिवार और रविवार के अलावा इस बार सोमवार को जन्माष्टमी का बड़ा त्योहार है। इसकी राज्यों व केंद्र सभी जगहों पर अवकाश है। इसके चलते पर्यटकों का रुख जैसलमेर की तरफ हो गया है। जन्माष्टमी पर्व की गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में पांच दिनों तक लोग अवकाश मनाते हैं। यही वजह है कि गुजराती सैलानी नए सीजन में पहली बार इतनी बड़ी संया में नजर आ रहे हैं। गुजरात के अलावा मध्यप्रदेश और राजस्थान के विभिन्न शहरों के लोग पर्यटन पर स्वर्णनगरी पहुंच रहे हैं। वहीं जैसलमेर में इन दिनों विदेशी सैलानी भी सपरिवार भ्रमण करते हुए देखे जा सकते हैं।
बाबा के जातरुओं की रौनक
कलात्मकता और ऐतिहासिकता को महसूस करने वाले सैलानियों के अलावा जैसलमेर में इन दिनों रामदेवरा में दर्शन करने पहुंचने वाले भी अच्छी संया में आ रहे हैं। वे यहां ऐतिहासिक और दर्शनीय स्थलों का अवलोकन करने के साथ सम के मरुस्थल का भ्रमण करने भी पहुंच रहे हैं। इन सबके साथ भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर अवस्थित चमत्कारिक तनोटराय देवी के दर्शन करने व सीमा क्षेत्र देखने की लालसा विगत वर्षों के दौरान खासी बढ़ी है। पर्यटकों के लिए तनोट से 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सीमा सुरक्षा बल की बबलियानवाला पोस्ट तक पहुंचकर वहां दोनों देशों के बीच की तारबंदी को देखने के साथ सुरक्षा के मोर्चे पर डटे जवानों की मुस्तैदी रोमांचित करने वाला अनुभव सिद्ध हो रहा है। साथ ही तनोटराय देवी के दर्शन करने के बाद वहां से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारतीय सेना की यादगार विजय वाला स्थान लौंगेवाला इन पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र बन कर उभरा है। लौंगेवाला में पुराने बंकरों को देख कर लोग युद्ध की याद को ताजा करते हैं तो विकसित किए गए युद्ध संग्रहालय और उसमें रखे पाकिस्तान से जीते हुए टैंक और अन्य सामान को देखकर सैलानी देशप्रेम के जज्बे से भीग जाते हैं।
अब आगे क्या
जैसलमेर के पर्यटन में आगामी दिनों तक सैलानियों के आगमन का सिलसिला बाबा रामदेव के भादवा मेला तक निरंतर जारी रहने वाला है। उसके बाद श्राद्ध पक्ष का एक पखवाड़ा ऐसा आएगा, जब पर्यटकों की तादाद में कमी परिलक्षित होगी। फिर उसके बाद शारदीय नवरात्रा से सीजन जोर पकड़ेगा, जो अगले वर्ष फरवरी-मार्च तक निरंतर जारी रहेगा। इस बीच आगामी 1 अक्टूबर से जैसलमेर के लिए दिल्ली व मुबई के लिए विमान सेवा का आगाज भी जाएगा। जिससे पर्यटन व्यवसाय को बड़ा सहारा मिलने की उमीद जगी है। होटल व्यवसायी मयंक भाटिया के अनुसार पर्यटन के क्षेत्र में जैसलमेर का वर्तमान और भविष्य दोनों उज्ज्वल है। विमान सेवाओं का विस्तार किया जाए तो इसमें और बढ़ोतरी आनी तय है। इसी तरह से सम में रिसोर्ट चलाने वाले गुलाम कादर और उस्मान खां का भी मानना है कि सम के मखमली धोरे इस साल भी हजारों-लाखों सैलानियों को अपनी तरफ आकर्षित करने में सफल सिद्ध होंगे। उन्होंने बताया कि सम क्षेत्र में पर्यटकों की सुविधा के लिए आधारभूत ढांचे का विकास निरंतर जारी है।
