Jaisalmer प्रवासी शिकारी पक्षी स्टेपी ईगल की करंट लगने से मौत
जैसलमेर न्यूज़ डेस्क , जैसलमेर के फतेहगढ़ तहसील के देगराय ओरण में बिछी बिजली की हाईटेंशन लाइनों से टकराकर प्रवासी पक्षियों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है। करंट से एक और प्रवासी पक्षी स्टेपी ईगल की मौत हो गई। देगराय ओरण इलाके में एक बार फिर हुई मौत से पर्यावरण प्रेमी खासे नाराज हैं। पर्यावरण प्रेमी सुमेर सिंह सांवता ने बताया कि लगातार हादसों से मेहमान पक्षी अपनी जान गंवा रहे हैं। जबकि प्रशासन वन्य जीव इलाके से गुजर रही हाईटेंशन लाइनों को भूमिगत नहीं करवा रहा है।
सुमेर सिंह ने बताया कि अब तक 30 से भी ज्यादा प्रवासी स्टेपी ईगल करंट से अपनी जान गंवा चुके हैं। अब अगर इन हाईटेंशन लाइनों को लेकर प्रशासन ने कोई कड़ा कदम नहीं उठाया तो हम उग्र आंदोलन करेंगे। सुमेर सिंह ने बताया कि बिजली की हाईटेंशन लाइनों से टकराकर प्रवासी पक्षी स्टेपी ईगल की मौत हो गई। ग्रामीण कंवराज सिंह लाला ने देखकर उन्हें जानकारी दी। अब स्टेपी ईगल को दफनाया जाएगा। अब तक 30 से भी ज्यादा प्रवासी स्टेपी ईगल की दर्दनाक मौत हुई है। इसके अलावा भी कई पक्षी रोजाना अपनी जान गंवा रहे हैं। इस तरह तो ये मेहमान पक्षी यहां कैसे आएंगे।
प्रवासी पक्षी है स्टेपी ईगल (बाज)
पर्यावरण प्रेमी सुमेर सिंह भाटी ने बताया कि स्टेपी ईगल (चील) बड़े आकार का बाज है जो मध्य एशिया के घास मैदानों से सर्दियों में जैसलमेर के घास मैदानों में प्रवास पर पहुंचते हैं। ये मध्य एशियाई देश कजाकिस्तान का राष्ट्रीय पक्षी है और वहां के राष्ट्र ध्वज पर भी अंकित है। ये पक्षी कुरजा जैसे बड़े पक्षियों, बत्तखों और खरगोश तक का शिकार करने में सक्षम होता है। ये बड़े शिकारी चील-बाज आदि के पक्षी समूह में एकमात्र शिकारी पक्षी है जो घास मैदानों पर ही प्रजनन करता है। इसकी सबसे ज्यादा संख्या मध्य एशिया के कजाकिस्तान में मिलती है। ये पक्षी कजाकिस्तान के राष्ट्रीय ध्वज पर भी अंकित है। जैसलमेर के ओरण व घास मैदान इनके मुख्य प्रवास स्थल रहे हैं, लेकिन अब ये यहां भी सुरक्षित नहीं है। लगातार हाईटेंशन लाइनों से टकराकर पक्षियों के मरने के सिलसिले से पर्यावरण प्रेमियों में खासा गुस्सा है।
शिकार को 2 किमी तक की दूरी से देख लेता है स्टेपी ईगल
इन प्रभावशाली पक्षियों के पंखों का फैलाव अक्सर दो मीटर से भी अधिक होता है। कई अन्य जीवित प्राणियों के विपरीत, स्टेपी ईगल नर हमेशा मादा से छोटे होते हैं। एक वयस्क स्टेपी ईगल का वजन लगभग 5 किलो हो सकता है। ये हवाई शिकारी बहुत विविध रूप से खाते हैं। वे छोटे जानवरों और कीड़ों दोनों को खाते हैं, और वे कभी-कभी सड़े हुए मांस को भी खाते हैं। लगभग सभी स्टेपी ईगल्स के सिर के पीछे लाल पंखों का एक धब्बा होता है।यदि मौसम की स्थिति अनुकूल हो तो ये पक्षी अपने शिकार को 2 किमी तक की दूरी पर देखते हैं। मनुष्यों की तुलना में स्टेपी बाज की आंखों में पांच गुना अधिक संवेदनशील कोशिकाएं होती हैं। ये अद्भुत जीव एक पत्नीक हैं। एक साथी मिलने के बाद, वे आम तौर पर जीवन भर साथ रहते हैं। स्टेपी ईगल बहुत स्वाभाविक रूप से ऊंचाई हासिल करते हैं, इस पर कम से कम ऊर्जा खर्च करते हैं। वे बस मंडराते हैं। हवा की धाराओं में बहुत ऊंचाई तक उड़ान भरते हैं। प्रकृति ने उनके शरीर को उड़ान के लिए इतनी ताकत दी है कि किसी शिकार पर गोता लगाने में स्टेपी बाज सक्षम है। करीब 280-320 किमी/घंटा तक की गति से अपने शिकार पर हमला करता है।