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Jaisalmer कोहिनूर अब बनेगा जैसलमेर पर्यटन का रत्न, यह काम होंगे पुरे

 
Jaisalmer कोहिनूर अब बनेगा जैसलमेर पर्यटन का रत्न, यह काम होंगे पुरे 
जैसलमेर न्यूज़ डेस्क, जैसलमेर  रेगिस्तानी शहर जैसलमेर में नखलिस्तान का आभास करवाने वाले ऐतिहासिक गड़ीसर सरोवर का स्वरूप आने वाले दिनों में इस तरह से निखरेगा कि, यह एक नगीने से बढकऱ कोहिनूर हीरे जैसी अहमियत हासिल कर लेगा। गड़ीसर लेक सौन्दर्यीकरण परियोजना के तहत आरयूआइडीपी की तरफ से हाल में यहां 21.99 करोड़ रुपए की लागत के कार्यों का शिलान्यास करवाया गया। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) से अनुदान के रूप में यह राशि मिली है। वैसे गड़ीसर के संपूर्ण विकास और सौन्दर्यीकरण के लिए कुल 66 करोड़ रुपए की डीपीआर बनाई गई थी। जिसके पहले हिस्से के तौर पर एक-तिहाई राशि से करीब 22 करोड़ रुपए के कार्य करवाए जा रहे हैं। इस कार्य को 17 माह में पूरा करवाया जाना है।

वर्ष पर्यंत आते हैं सैलानी : सदियों तक जैसलमेर की प्यास बुझाने वाले गड़ीसर की कलात्मकता को निहारने के लिए देशी-विदेशी सैलानी सालभर पहुंचते हैं। सरोवर का मुख्य आकर्षण पानी के मध्य में बनी पीत पाषाणों से निर्मित बीच बंगली व कलापूर्ण छतरियां हैं। हालांकि देखभाल के अभाव में यह सांस्कृतिक धरोहर अपना आकर्षण खो रही है। प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में देशी-विदेशी सैलानी गड़ीसर भ्रमण के लिए पहुंचते हैं। उनके लिए शाम के समय में लाइट एंड साउंड सिस्टम विकसित हो चुका है। दिन और सायं यहां नौकायन करने भी बहुत से लोग उमड़ते हैं। वैसे गड़ीसर का जैसलमेर के सांस्कृतिक और सामाजिक जीवन में भी सदियों से बहुत गहरा संबंध है। यहां चारों तरफ बनी विभिन्न समाजों की बगेचियों में होली के पर्व पर सामूहिक गोठ के आयोजन होते हैं। तीज-त्योहारों पर शहर भर की महिलाएं और बालिकाएं यहां रीति-रिवाजों को पूरा करने के लिए पहुंचती हैं।

गड़ीसर की ऊपरी पाल का सौन्दर्यीकरण और ढलानदार पथ।

विस्तृत करवाई गई पाल पर पक्की सड़क और भव्य प्रवेश द्वार का निर्माण।

पहुंच मार्ग और पार्किंग की सुविधाओं का विकास।

शौचालय, कचरा पात्र और विश्राम स्थलों जैसी नागरिक सुविधाओं का विकास।

गड़ीसर सहित पूरे शहर के सौन्दर्य का नजारा करते हुए पैदल भ्रमण का लुत्फ उठाने के लिए पथ का निर्माण और यहां पर सैलानियों के लिए रेगिस्तान का जहाज कहलाने वाले ऊंटों की सवारी के लिए मड ट्रेक का निर्माण भी करवाया जाना है।

इसके साथ ही रात्रि प्रकाश के लिए हेरिटेज लुक प्रदान करने वाली लाइट व्यवस्था, साउंड सिस्टम, कई तरह की प्रतिमाओं और फव्वारों से सुंदरता में इजाफा किया जाएगा।

कई तरह के नजारों को एक साथ रखते हुए लैंड स्केप और संकेत बोर्डों का निर्माण भी करवाया जाना है।

सैलानियों के साथ स्थानीय बाशिंदों को गड़ीसर तालाब की ऊपरी पाल और आसपास इतना आकर्षण भरे जाने के पीछे की मंशा यही है कि वे लोग यहां पर सुकून के पल बिता सकें। मौजूदा समय में जैसलमेर में नाइट ट्यूरिज्म के लिहाज से एकमात्र गड़ीसर ही उम्मीद की किरण है। विगत समय से यहां लाइट एंड साउंड सिस्टम स्थापित किए जाने के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं और शाम के समय सैलानियों के साथ स्थानीय बाशिंदों के हुजूम उमड़ने लगे हैं। आरयूआइडीपी की तरफ से करवाए जाने वाले कार्यों के पूरा होने के बाद तो गड़ीसर रात्रि में भ्रमण के साथ-साथ फोटोग्राफी करवाने का एक बेहतरीन स्थल बन जाएगा।