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Jaisalmer कलेक्टर टीना डाबी को मिला आशीर्वाद, बोली-बेटी हो तो भी बढ़िया

 
Jaisalmer कलेक्टर टीना डाबी को मिला आशीर्वाद, बोली-बेटी हो तो भी बढ़िया
जैसलमेर न्यूज़ डेस्क, कलेक्टर टीना डाबी जब पाकिस्तानी शरणार्थियों के बीच खुद पहुंचीं तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। महिलाओं ने मालाएं पहनकर और मुंह मीठा करवाकर कलेक्टर का स्वागत किया। इस दौरान जब एक बुजुर्ग पाकिस्तानी महिला को जानकारी मिली कि कलेक्टर टीना डाबी प्रेग्नेंट हैं तो उसने कलेक्टर को जल्द ही घर में बेटा होने का आशीर्वाद दे दिया। कलेक्टर टीना डाबी ने मुस्कुरा कर कहा 'मां, अगर बेटी भी हो जाए तो भी बहुत बढ़िया होगा। इस दौरान वहां मौजूद सभी लोगों ने कलेक्टर टीना डाबी को बधाई भी दी साथ ही उनके लिए 40 बीघा जमीन रिजर्व करने पर आभार जताया। इस दौरान कलेक्टर टीना डाबी ने सभी को उनकी जमीन मिलने पर बधाई दी। साथ ही बताया कि ये शायद देश का पहला मामला है जब पाक शरणार्थियों को विस्थापित करने के लिए जमीन दी गई है और अब नागरिकता मिलने वालों को पट्टे भी दिए जाएंगे। कलेक्टर ने कहा कि अब ये रास्ता खुल गया है पाकिस्तान में प्रताड़ित हो रहे पाक विस्थापितों के लिए। 40 बीघा जमीन पर 250 से भी ज्यादा परिवार बस सकेंगे।

कलेक्टर टीना डाबी जैसे ही पाक विस्थापितों को दी गई 40 बीघा जमीन को देखने पहुंचीं। वहां मौजूद पाकिस्तान से दुखी होकर भारत आई महिलाओं ने उनको घेर लिया और फूल मालाओं से स्वागत किया। कलेक्टर ने महिलाओं के साथ जमीन पर बैठकर बातचीत की। इस दौरान एक बुजुर्ग पाक महिला ने कलेक्टर को कहा, 'कलेक्टर साहिबा, आपने निहाल कर दिया...हम तो आपके एक ही आशीष देते हैं, आप दूधो नहाओ पूतो फलो, आपके बेटा हो। इस पर कलेक्टर ने मुस्कुरा कर कहा कि "बेटी भी हो तो बहुत बढ़िया है।

गौरतलब है कि पाक शरणार्थियों के आशियाने बनाने के लिए जैसलमेर शहर से 7 किमी की दूरी पर मूलसागर गांव की आबादी भूमि से 500 मीटर की हद में जिला प्रशासन की पहल पर यूआइटी ने 40 बीघा जमीन मुहैया करवाई है। बुधवार शाम को कलेक्टर टीना डाबी इस जमीन पर पाक विस्थापित परिवारों के बीच पहुंची। इस दौरान पाक विस्थापितों के लिए काम करने वाले प्रमुख संगठन सीमांत लोक संगठन के अध्यक्ष हिंदू सिंह सोढ़ा भी इस मौके पर मौजूद थे। कलेक्टर टीना डाबी ने वहां पहुंचते ही सबसे हाल-चाल पूछे और ये भी पूछा कि, इस जगह पर बसाए जाने पर वे कैसा महसूस कर रहे हैं? सभी ने हाथ जोड़ कर उनका शुक्रिया अदा करते हुए खुशी का इजहार किया। विस्थापित परिवारों की महिलाओं के बीच जमीन पर बैठी कलेक्टर ने मिठाई मंगवाकर उनका मुंह मीठा करवाया।

जिला कलेक्टर टीना डाबी ने कहा कि अमरसागर में कैचमेंट एरिया में और अन्य किसी को अलॉट लैंड पर पाक शरणार्थी आकर बसे थे जिनको यूआईटी ने सरपंच और ग्रामीणों की शिकायत पर हटाया था। इसके बाद विस्थापितों की मांग पर उनके रहने की तत्काल व्यवस्था करते हुए रैन बसेरे में रहने-खाने की व्यवस्था की गई और हमने वादा किया था कि एक हफ्ते में उनके स्थाई रूप से बसने के लिए जमीन मुहैया करवाई जाएगी। इस बात की खुशी है कि ये वादा समय से पहले पूरा किया गया। अब मूलसागर में आबादी भूमि से 500 मीटर की परिधि में 40 बीघा जमीन केवल विस्थापितों के लिए आरक्षित की गई है। जहां वे सुकून के साथ रह सकेंगे और उन्हें उजाड़े जाने की कोई चिंता नहीं रहेगी।