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जैसलमेर में गहन पुनरीक्षण के तहत 23,420 ASD मतदाताओं के नाम ड्राफ्ट सूची से हटाए गए

 
जैसलमेर में गहन पुनरीक्षण के तहत 23,420 ASD मतदाताओं के नाम ड्राफ्ट सूची से हटाए गए

राजस्थान सरकार के जिला निर्वाचन अधिकारी (कलेक्टर), जैसलमेर के नेतृत्व में चलाए जा रहे विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम (Special Intensive Revision – SIR) के तहत मंगलवार, 16 दिसंबर 2025 को जिले की मतदाता सूचियों का प्रारूप प्रकाशित कर दिया गया है। इस पुनरीक्षण में जैसलमेर जिले के 23,420 मतदाताओं को एएसडी (ASD – एब्सेंट, शिफ्टेड और डेड) श्रेणी में दर्ज कर सूची से हटा दिया गया है।

जिला निर्वाचन अधिकारियों ने बताया कि यह प्रारूप सूचियां मतदाता सूची को अद्यतन, त्रुटिरहित और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से तैयार की गई हैं। ड्राफ्ट सूची में शामिल मतदाता वे हैं, जो लंबे समय से अपने पते पर नहीं हैं, शिफ्ट हो चुके हैं या जिनकी मृत्यु हो चुकी है।

अधिकारियों ने कहा कि ड्राफ्ट सूची केवल प्रारंभिक चरण है। जिन मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं, वे निर्धारित समय सीमा के भीतर अपने बूथ लेवल अधिकारी या जिला निर्वाचन कार्यालय में आवश्यक दस्तावेज जमा कर अपने नाम को पुनः सूची में शामिल करवा सकते हैं। दावा और आपत्ति दर्ज कराने की अंतिम तिथि 15 जनवरी 2026 निर्धारित की गई है।

निर्वाचन आयोग ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपनी स्थिति की तुरंत जांच करें और यदि किसी प्रकार की गलती पाई जाती है तो समय रहते उसे सुधारवाएं। इससे यह सुनिश्चित होगा कि सभी पात्र मतदाता आगामी चुनावों में मतदान कर सकें और मतदाता सूची पूरी तरह सटीक और विश्वसनीय बनी रहे।

विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य मतदाता सूची में फर्जी या अनुपयोगी नाम हटाना, पुराने और मृतक मतदाताओं की जानकारी अद्यतन करना और नए मतदाताओं को शामिल करना है। इस प्रक्रिया से आगामी चुनावों में पारदर्शिता बढ़ेगी और केवल योग्य और सत्यापित मतदाता ही मतदान में भाग ले सकेंगे।

ड्राफ्ट सूची जारी होने के बाद जिला प्रशासन और राजनीतिक दलों ने भी सूची में हुए परिवर्तनों पर नजर रखनी शुरू कर दी है। राजनीतिक दलों को अपने क्षेत्रों में मतदाता सूची की जांच करने और आवश्यकता पड़ने पर आपत्तियां दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं।

जैसलमेर जिले में कुल 23,420 मतदाताओं के नाम हटाने के बाद मतदाता सूची को अधिक सटीक और पारदर्शी बनाने की दिशा में यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है। स्थानीय नागरिकों की सक्रिय भागीदारी से ही यह प्रक्रिया पूरी तरह सफल होगी और लोकतंत्र की मजबूती सुनिश्चित होगी।