Jaisalmer में वेस्टर्न डिस्टरबेंस का दिखा असर, फसलों को फायदा
जैसलमेर न्यूज़ डेस्क, जैसलमेर में पिछले तीन दिन से सर्दी का असर तेज हो गया है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार 4 दिन बाद जिले में हल्की बारिश भी हो सकती है। मंगलवार को दोपहर बाद आसमान में बादलों ने डेरा डाला, जिससे धूप का असर कम हो गया। धूप का असर कम होने से सर्दी का असर बढ़ गया। जिससे लोग दिन में भी ठंड से ठिठुरते नजर आए। सोमवार को दिन के तापमान में 2 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। वहीं रात के तापमान में 1 डिग्री की बढ़ोतरी हुई। रात के पारे में मामूली बढ़ोतरी से सर्दी से राहत नहीं मिल पाई। वहीं दिन का पारा गिरने से दिन में सर्दी का असर तेज रहा। लोग सर्दी से बचने के लिए तरह तरह के जतन करते नजर आए। तापमान 24.4 डिग्री व न्यूनतम तापमान 10.2 डिग्री दर्ज किया गया। दिन व रात के पारे में 14 डिग्री का अंतर रहा।
वेस्टर्न डिस्टरबेंस से छाए बादल
मौसम विभाग की माने तो जैसलमेर में मौसम में बदलाव के कारण पश्चिम विक्षोभ सक्रिय हुआ है। दिन में बादल छाए रहने के साथ कहीं-कहीं हल्की बारिश भी हो सकती है। मौसम वैज्ञानिकों ने 23 दिसंबर से जैसलमेर जिले में हल्की बारिश की संभावना जताई है। कृषि मौसम वैज्ञानिक अतुल गालव ने बताया कि 23 दिसंबर से एक वेदर सिस्टम उत्तर भारत में सक्रिय होगा। इसके प्रभाव से राजस्थान के उत्तर-पश्चिमी इलाकों में बादल छाए रहने के साथ ही कहीं कहीं हल्की बारिश होने की संभावना है। बारिश से दिन व रात के पारे में गिरावट होगी। जिससे सर्दी जैसलमेर का असर बढ़ जाएगा।
रबी की फसलों को होगा फायदा
मावठ की बारिश फसलों के लिए वरदान मानी जाती है। किसानों का कहना है कि मावठ फसलों के लिए फायदेमंद रहेगी। क्योंकि इससे खेतों में नमी हो जाएगी और बूंदें हल्की गिरने से वह पौधों को पोषण प्रदान करेगी। अगर कुछ तेज पानी बरस जाए तो असिंचित क्षेत्र की फसलों को जीवनदान मिल जाएगा। कृषि मौसम वैज्ञानिक अतुल गालव ने बताया कि अगर जीरा में फूल आ गए है तो मावठ से नुकसान हो सकता है। बाकी गेहूं, सरसों, चना, ईसबगोल के लिए फायदा होगा। दाने की गुणवत्ता भी बढ़ेगी और पैदावार भी अच्छी होगी।