ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान बॉर्डर पर हाईटेक फेंसिंग, घुसपैठ रोकने के लिए कड़े इंतजाम
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। राजस्थान से लगती पाकिस्तान सीमा पर अब हाईटेक फेंसिंग की जा रही है, जिससे घुसपैठ, तस्करी और आतंकवादी गतिविधियों पर प्रभावी रोक लगाई जा सकेगी। इस नई फेंसिंग में एंटी-कट डिजाइन, अत्याधुनिक सेंसर और सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसके साथ ही सीमा क्षेत्र में करीब 1600 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण भी प्रस्तावित है।
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के बाद सीमा पर सतर्कता कई गुना बढ़ा दी गई है। इसी कड़ी में हाईटेक फेंसिंग को प्राथमिकता दी गई है। नई फेंसिंग इस तरह तैयार की जा रही है कि उसे काटना या पार करना बेहद मुश्किल होगा। एंटी-कट तकनीक के कारण तार काटने की कोशिश करते ही अलर्ट सिस्टम सक्रिय हो जाएगा।
इसके अलावा, सीमा पर मोशन सेंसर, थर्मल सेंसर और नाइट विजन सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, जिससे दिन-रात हर गतिविधि पर नजर रखी जा सकेगी। किसी भी संदिग्ध हरकत की सूचना तुरंत कंट्रोल रूम और संबंधित सुरक्षा एजेंसियों तक पहुंच जाएगी। इससे जवानों को तुरंत कार्रवाई करने में मदद मिलेगी।
सीमा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए 1600 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण भी किया जाएगा। यह सड़क बॉर्डर के समानांतर बनाई जाएगी, जिससे बीएसएफ और अन्य सुरक्षा बलों को गश्त में आसानी होगी। खराब मौसम या आपात स्थिति में भी जवान तेजी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंच सकेंगे। अधिकारियों का कहना है कि सड़क निर्माण से सीमा क्षेत्र में लॉजिस्टिक सपोर्ट और रेस्पॉन्स टाइम बेहतर होगा।
सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, राजस्थान बॉर्डर लंबे समय से घुसपैठ और तस्करी के लिहाज से संवेदनशील माना जाता रहा है। ड्रोन के जरिए हथियार और नशीले पदार्थ भेजने की घटनाओं को देखते हुए अब तकनीक आधारित सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। हाईटेक फेंसिंग और डिजिटल निगरानी से इन गतिविधियों पर कड़ा अंकुश लगेगा।
राज्य और केंद्र सरकार के बीच इस पूरे प्रोजेक्ट को लेकर लगातार समन्वय किया जा रहा है। सुरक्षा बलों को नए उपकरणों के इस्तेमाल का विशेष प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि तकनीक और मानवीय सतर्कता के तालमेल से सीमा सुरक्षा को अभेद्य बनाया जाएगा।
