पर्यटकों के लिए खुशखबरी! राजस्थान का गौरव सोनार दुर्ग में बनेगा नया मार्ग, यात्रा होगी आसान

जैसलमेर न्यूज़ डेस्क - विश्व के गिने-चुने आवासीय किलों में शुमार जैसलमेर के सोनार दुर्ग में आवाजाही के लिए वैकल्पिक मार्ग तलाशने के प्रयासों ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है। गत शनिवार को जैसलमेर दौरे पर आए केंद्रीय पर्यटन एवं कला संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने यहां सर्किट हाउस में सोनार दुर्ग को लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण व नगर परिषद के अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें मुख्य रूप से दुर्ग से दूसरा मार्ग तलाशने पर चर्चा हुई। शेखावत ने अधिकारियों से कहा कि इस संबंध में शीघ्र कार्रवाई की जाए। बताया कि आगामी दिनों में नगर परिषद वैकल्पिक मार्ग को लेकर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर एएसआई को सौंपेगी।
यह कार्य अंतिम रूप से एएसआई को करना है। अब तक एएसआई सोनार किले की मौलिकता का हवाला देकर वैकल्पिक मार्ग के मुद्दे को नजरअंदाज करता रहा है, लेकिन अब जैसलमेर क्षेत्र से जुड़े गजेंद्र सिंह शेखावत विभागीय कैबिनेट मंत्री हैं और उनकी मंशा लाखों पर्यटकों की सुगम आवाजाही सुनिश्चित करने की है, इसलिए माना जा रहा है कि अब इस कार्य में कोई बाधा नहीं आएगी। किले का वैकल्पिक मार्ग कहां बनाया जाए, यह तो आने वाले समय में तय होगा, लेकिन सरकार के स्तर पर पूर्व में हुए सर्वे में रिंग रोड से मार्ग बनाना सबसे उपयुक्त माना गया है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका पिछले कई वर्षों से किले के लिए वैकल्पिक मार्ग की आवश्यकता को प्रमुखता से उठाता रहा है और अब पत्रिका की यह मुहिम रंग लाती नजर आ रही है।
भूकंप और तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं के समय ऐतिहासिक सोनार किले में वैकल्पिक मार्ग की जरूरत हर बार महसूस की जाती है। जब भी कोई प्राकृतिक आपदा आती है, तो किले में राहत और बचाव कार्य के लिए वैकल्पिक मार्ग की जरूरत शिद्दत से महसूस की जाती है। पर्यटन सीजन के चरम पर कम से कम 30 दिन ऐसे होते हैं जब इस किले की घाटियां पैदल यात्रियों से भरी होती हैं और ट्रैफिक जाम की स्थिति बनती है। उस समय छोटी सी भगदड़ भी गंभीर हो सकती है।
पर्यटन सीजन के चरम पर अगर किले में घूमने आए किसी पर्यटक या निवासी की तबीयत खराब हो जाए तो उसे किले से नीचे उतारना आसान नहीं होता। वैकल्पिक मार्ग होने पर आपातकालीन सुविधाएं तुरंत मुहैया कराई जा सकती हैं।अगर किसी पर्यटक की तबीयत खराब होने या भूकंप, भारी बारिश या तेज तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण मुख्य मार्ग बंद हो जाता है तो राहत और बचाव कार्यों के लिए वैकल्पिक मार्ग की सबसे ज्यादा जरूरत होती है।
पहले भी किए गए हैं प्रयास
राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कुछ साल पहले केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए जिला प्रशासन को सोनार दुर्ग से वैकल्पिक मार्ग के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित किया था। तब जिला प्रशासन ने प्रस्ताव तैयार कर एएसआई को भेजा था लेकिन इसे खारिज कर दिया गया था।
दूसरा गेट खोलने पर चर्चा
सोनार किले की व्यवस्थाओं को लेकर जैसलमेर सर्किट हाउस में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण चर्चा हुई। मुख्य विषय किले का दूसरा गेट खोलने और पर्यटकों की आवाजाही को बेहतर बनाने पर केंद्रित रहा। बैठक में किले की ऐतिहासिक संरचना को सुरक्षित रखते हुए सुविधाओं के विस्तार और भीड़ प्रबंधन पर विचार किया गया, ताकि पर्यटकों को अधिक आरामदायक अनुभव हो सके।