Jaisalmer में कई जगह फैला कचरा, महिलाओं की सुविधाओं पर कम ध्यान
जैसलमेर में सबसे मुय मार्गों में शुमार कलेक्ट्रेट और अस्पताल रोड आती हैं। वहां कलेक्ट्रेट की दीवार से 50 मीटर के दायरे में दो जगहों पर प्रसाधन कक्ष बने हुए हैं लेकिन ये केवल पुरुषों के ही काम आते हैं। दरवाजा नहीं होने से महिलाएं इनमें नहीं जाती।इसी तरह से शिव मार्ग पर जहां हाल में दुर्ग की प्राचीर के पत्थर गिरे हैं, उसके पास बना प्रसाधन कक्ष तो पुरुषों को भी शर्मसार करने वाला है। वहां इससे हर समय गंदगी फैली रहती है।जिले की प्रशासनिक गतिविधियों के केंद्र कलेक्ट्रेट परिसर में डीआरडीए हॉल के पास बने पुराने प्रसाधन कक्ष की दशा पूरी तरह से खराब हो चुकी है और वह अब उपयोग में लाने लायक नहीं रह गया है।गोपा चौक से गांधी चौक जाने वाले सबसे प्रमुख वैकल्पिक मार्ग में पूर्व में बने प्रसाधन कक्ष को हटाए जाने के बाद वहां आज भी प्रतिदिन बड़ी तादाद में लोग खुले में शंका निवारण करते हैं। यह पूरा क्षेत्र दुर्गंध से युक्त रहता है।
जैसलमेर में जिला परिषद कार्यालय जाने वाले मार्ग के किनारे पर लघुशंका निवारण की व्यवस्था की गई है, लेकिन यह भी केवल पुरुषों के काम आने लायक है।कई आवासीय कॉलोनियों में प्रसाधन कक्ष बनाए जाने के बावजूद उनका उपयोग अब तक नहीं लिया जा रहा है। छोटी-छोटी दिक्कतों के कारण उनके ठप होने की शिकायतें मिलती रहती हैं।यहां मिल रही राहत इस बीच पिछले कुछ वर्षों के दौरान नगरपरिषद की ओर से मॉर्डन टॉयलेट सहित नए प्रसाधन कक्ष बनाए जाने से लोगों को विशेषकर महिला पर्यटकों को बड़ी सुविधा मिली है और संबंधित क्षेत्र को गंदगी व बदबू भरे वातावरण से भी निजात मिली है। इनमें गोपा चौक में दिवाली से पहले शुरू किए गए मॉर्डन टॉयलेट एक अहम कदम है। इसमें महिलाओं के लिए सुविधा होने से उन्हें बड़ी राहत मिली है हालांकि उनके पास कई जने खुले में लघुशंका निवारण कर गंदगी करते हैं और उन्हें ऐसा करने से रोकने वाला कोई नहीं है। गड़ीसर पार्किंग और सरोवर के रास्ते में दो अलग-अलग जगहों के साथ सोनार दुर्ग के दशहरा चौक, पटवा हवेलियों के पास, बाड़मेर मार्ग, हनुमान चौराहा रोड, पूनम स्टेडियम, मंगलसिंह पार्क, किशनसिंह भाटी बस स्टेंड आदि क्षेत्रों में करोड़ों रुपए की लागत से सुविधासंपन्न प्रसाधन कक्ष निर्मित किए गए हैं। जैसलमेर में शुक्रवार को सुबह कोहरा व आसमान मेें बादल छाए रहेंगे और धूप भी खिलेगी। हवा की गति 15 किलोमीटर प्रति घंटा और ह्यूमिडिटी 40 प्रतिशत होगी।