Jaisalmer में हुए कौशल विकास से जुड़े प्रयोगों की प्रदर्शनी, कठपुतली नृत्य और कार्यक्रम
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जैसलमेर न्यूज़ डेस्क, जैसलमेर शहर के आदर्श विद्या मन्दिर बालिका परिसर पोकरण में रविवार की दोपहर 2:30 बजे से शाम 5:30 बजे आयोजित हुए शिशु नगरी एवं बाल मेले में शहरवासियों की भीड़ उमड़ी तथा मेले का लुत्फ उठाया। कार्यक्रम के संयोजक व प्राथमिक पोकरण के प्रधानाचार्य जेठू सिंह ने बताया कि आदर्श शिक्षण संस्थान जैसलमेर द्वारा संचालित आदर्श विद्या मंदिर माध्यमिक, बालिका व प्राथमिक के द्वारा 11 फरवरी को भव्य शिशु नगरी एवं मेले का आयोजन किया गया। शिशु नगरी एवं बाल मेले में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत 12 शिशुवाटिका की व्यवस्थाओं व व्यावसायिक कौशल विकास के प्रयोगों की प्रदर्शनी, ग्रामीण परिवेश, कठपुतली नृत्य, विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन, बच्चों के मनपसंद झूले व भारत के प्राचीन परिवेश की झलक के बारे में विद्यार्थियों ने अपनी प्रस्तुति पेश की।
शिशु नगरी एवं मेले के शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पंचायत समिति सांकड़ा के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी राजेंद्र प्रसाद मीणा उपस्थित थे। वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता आयुर्वेद चिकित्साधिकारी डॉ. चारुलता जुईया ने की। वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में नगरपालिका अध्यक्ष मनीष पुरोहित, प्रांत संस्कार केन्द्र प्रमुख रुद्र कुमार, आदर्श शिक्षण संस्थान जैसलमेर के व्यवस्थापक पदमसिंह राठौड़, जिला सचिव भंवरलाल कुमावत, समिति उपाध्यक्ष जयकिशन दवे व हनुमान सिंह देवड़ा उपस्थित थे।
अतिथियों ने सरस्वती माता, सृष्टि के रचयिता का प्रतीक स्वरूप ऊं व मां भारती की तस्वीर के समक्ष द्वीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। माध्यमिक प्रधानाचार्य अरुण छंगाणी ने अतिथियों का परिचय व स्वागत कराया। जिला व्यवस्थापक पदमसिंह राठौड़ ने कहा कि आज के इस शिशु मेले को देखकर भारत के पुराने वैभव की याद तरोताजा हो गई। वास्तव में इन नन्हे - मुन्ने बालकों ने बहुत ही वैज्ञानिक तरीके से अपनी सुन्दर प्रस्तुतियां प्रस्तुत की है यह सभी बधाई के पात्र है। विद्या भारती के विद्यालयों में पढ़ने वाले बालक केवल शिक्षा ही नहीं राष्ट्र भक्ति, सेवा, समर्पण व त्याग का भाव सिखाते हैं। वास्तव में इन बालकों ने जो अपनी -अपनी विद्या को हमारे समक्ष प्रस्तुत की है। ऐसी अन्य जगह दुर्लभ ही देखने को मिलती है। विद्या मन्दिर के बालक शिक्षा के क्षेत्र में अपनी गहरी पेठ रखते हैं।
जिला सचिव भंवरलाल कुमावत ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 अगले सत्र से प्रारम्भ होगी। खेल - खेल में शिक्षण करवाया जाएगा। आदर्श विद्या मन्दिरों में ऐसी शिक्षा पहले से ही चल रही है जो बालकों के स्तरानुकूल दी जाती है। जिससे बालकों में कौशल का निर्माण होता है और बालक आगे चलकर राष्ट्र निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसी भावों को आज विद्या मंदिर द्वारा शिशु शिक्षण की व्यवस्थाओं के माध्यम जनसमूह के समक्ष रखा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप मेले में शिशु शिक्षण की 12 व्यवस्थाओं, भारतीय संस्कृति की झलक ग्रामीण परिवेश, आदर्श घर, नवीन तकनीक आधारित विभिन्न प्रयोगों को देखकर हजारों दर्शकों ने सराहा। मेले में लगभग 7 हजार से अधिक का जनसमूह उमड़ा। कार्यक्रम का संचालन आचार्य शंभूराम व आदर्श विद्या मंदिर माध्यमिक विद्यालय जैसलमेर के प्रधानाचार्य बीरमाराम द्वारा किया गया। कार्यक्रम में समिति कार्यकर्ता अनिल शर्मा, जुगल किशोर, बद्रीनारायण दाधीच, घनश्याम माली, देवीसिंह भणियाणा, नाचना प्रधानाचार्य राजाराम, जिला शिशुवाटिका प्रमुख द्वारकाराम व विभिन्न विद्या मंदिरों के प्रधानाचार्य व आचार्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन शांति मंत्र से किया गया।