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Jaisalmer में डेंगू और मलेरिया के मरीज बढ़े, अस्पतालों में भीड़

 
Jaisalmer में डेंगू और मलेरिया के मरीज बढ़े, अस्पतालों में भीड़ 

जैसलमेर न्यूज़ डेस्क, जैसलमेर जिले में मानसून की बढ़िया बरसात के बाद जिले में डेंगू, मलेरिया व वायरल बुखार का प्रकोप बढ़ गया है। 200 बेड का जवाहिर हॉस्पिटल फुल हो चुका है। हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा एक नया वार्ड खोलकर 22 बेड की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही मेडिकल वार्ड के आगे बरामदे में 5 अतिरिक्त बेड लगाए गए हैं। हालत ये हैं की जैसलमेर मलेरिया के मामले में प्रदेश में तीसरे स्थान पर है।जवाहिर हॉस्पिटल के पीएमओ डॉ चन्दन सिंह तंवर ने बताया- मलेरिया, डेंगू व मौसमी बीमारियों के मरीज बढ़ रहे है। लेकिन स्थिति पूरी तरह से कंट्रोल में है। टीमें तैनात है। संसाधनों व दवाईयों में किसी प्रकार की कमी नहीं है। 22 बेड का एक नया वार्ड खोला है।

मानसून की बारिश के बाद बढ़े मच्छर

गौरतलब है कि इस बार जिले में औसत 215 एमएम से 90 प्रतिशत अधिक बारिश हुई। औसत 215 एमएम के मुकाबले 408 एमएम बारिश दर्ज हुई है। इससे कई इलाकों में बाढ़ के हालात बन गए थे। जगह जगह जमा हुआ बरसाती पानी अभी तक नहीं सूखा है। जिससे जल भराव वाले एरिया में मच्छरों का प्रकोप बढ़ चुका है। नतीजा यह हुआ कि जिले में मलेरिया व डेंगू ने पांव पसार दिए।
इसके साथ ही मौसम में हुए बदलाव से मौसमी बीमारियों का भी प्रकोप बढ़ गया। इन दिनों सरकारी अस्पतालों के साथ निजी अस्पतालों में मरीजों की लंबी लंबी कतारें लग रही है। जवाहर अस्पताल में रोजाना 1500 के करीब मरीज इलाज करवाने पहुंच रहे है।

बच्चे भी डेंगू व मलेरिया की चपेट में

जिले में डेंगू व मलेरिया के रोगी बढ़ने लगे है। बच्चे भी डेंगू व मलेरिया की चपेट में आ रहे है। शहर के जवाहिर हॉस्पिटल में रोजाना 250 से 300 बच्चे इलाज के लिए पहुंच रहे है। जो मौसमी बीमारियों के साथ डेंगू व मलेरिया की जकड़ में है। जिसमें ज़्यादातर बच्चे मौसमी बीमारियों से पीड़ित है। डेंगू ने बच्चों को भी अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। सरकारी व निजी हॉस्पिटल में रोजाना 10 से 15 बच्चे डेंगू के सामने आ रहे है।

मलेरिया, डेंगू के लक्षण समान

वायरल बुखार, मलेरिया तथा डेंगू के कई लक्षण एक समान हैं। तेज बुखार, बदन दर्द, जी मचलने जैसे कई लक्षण कई बीमारियों में एक जैसे हैं। लेकिन डेंगू होने पर मरीज को बदन दर्द बहुत तेज होता है। पूरे शरीर की मांसपेशियों में खिंचाव होता है। अधिकतर डेंगू के मरीज में प्लेटलेट्स 40 हजार से भी नीचे चली जाती है। लेकिन मलेरिया व टाइफाइड में प्लेटलेट्स इतनी ज्यादा नीचे नहीं आती।सरकारी रिकॉर्ड में इस साल अब तक डेंगू के मात्र 19 मरीज ही बताए है। जबकि सिर्फ एक जवाहिर हॉस्पिटल में ही इस साल अब तक 106 डेंगू मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। वहीं सरकारी रिकॉर्ड में इस साल मलेरिया के अब तक 221 मरीज बताए गए है। जबकि यह मलेरिया के मरीज ज्यादा है। सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार बढ़ते मलेरिया के मामले में जैसलमेर जिला प्रदेश में तीसरे नंबर पर है। शहर में पिछले दो माह से मच्छरों का प्रकोप बढ़ चुका है।