Jaisalmer में अटल बिहारी वाजपेई की जयंती 'सुशासन दिवस' के रूप में मनाई गयी
अटल बिहारी वाजपेई की कविताएं पढ़ी गईं
कार्यक्रम में सबसे पहले सभी ने पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेई के चित्र पर दीप प्रज्वलित किया और पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. नगर परिषद सभापति हरिवल्लभ कल्ला ने पूर्व प्रधानमंत्री की जीवनी एवं उच्च आदर्शों का वर्णन करते हुए कहा कि यह सुशासन के प्रति उनकी सोच का परिणाम है। 2014 से उनकी जयंती को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। उन्होंने कहा कि वाजपेयी ने पोखरण परमाणु विस्फोट और कारगिल युद्ध के दौरान देश की ताकत का परिचय दिया, जिसे वास्तव में हमेशा याद रखा जाएगा। इस अवसर पर गोविंद गर्ग, रतनसिंह भाटी, दीपिका रंगा ने पूर्व प्रधानमंत्री के जीवन पर प्रकाश डाला, वहीं महात्मा गांधी इंग्लिश स्कूल की छात्रा मनीषा चारण ने 'झुक नहीं सकते', कुमारी फूल कंवर ने 'वहाँ दरार है' लिखी। दूध"। , निर्मल प्रताप सिंह ने आओ फिर से दीया जलायें" एवं भगवान राम की "बाधाएं आती हैं तो आये" तथा नेहरू युवा केन्द्र के पवन सिंह ने "आजाद भारत अपना सिर नहीं झुकाएगा" कविताएं प्रस्तुत कीं।
अंगदान की शपथ दिलाई
इस दौरान एडीएम गोपाल लाल स्वर्णकार ने सभी को अंगदान की शपथ के साथ सुशासन की शपथ भी दिलाई. इस अवसर पर आयुक्त नगर परिषद लाजपाल सिंह सोढ़ा, पार्षद विक्रम सिंह रावलोत, सीएमएचओ डॉ. बीएल बुनकर, उप निदेशक आयुर्वेद डॉ. रामनरेश शर्मा, उप निदेशक महिला एवं बाल विकास अशोक कुमार गोयल, सहायक निदेशक हेमाराम जरमाल, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी जितेंद्र सिंह, डाइट व्याख्याता महेश बिस्सा, व्याख्याता विजय बल्लाणी सहित पार्षद, शिक्षक, साहित्यकार एवं स्कूली विद्यार्थी उपस्थित थे।